कोविड़-19 और साधारण सर्दी बुखार के लक्षणों में इतनी समानताएं हैं की पीड़ित संशय में रहते हैं की उन्हें कोरोना हुआ है या फिर साधारण सर्दी. बुखार को छोड़ भी दिया जाए, तो बंद नाक के साथ जबान का जायका तथा नाक में किसी भी प्रकार की गंध ना आना या फिर कम आना भी सामान्य सर्दी के साथ-साथ कोरोना के मुख्य लक्षणों में से आते हैं. आम जन के मन की इसी गलतफहमी को दूर करने के उद्देश्य से यूरोप के कुछ विशेषज्ञों ने साधारण सर्दी तथा कोरोना के समान लक्षण जायके तथा सुगंध की क्षमताओं में कमी को लेकर एक शोध किया.
जर्नल राइनोलॉजी में अगस्त के दूसरे पखवाड़े में प्रकाशित हुए 'कम्पैरिसन ऑफ कोविद-19 एण्ड कॉमन कोल्ड केमोसेंसरी डिसफंक्शन' नामक इस शोध में यह जानने की कोशिश की गई की दोनों ही बीमारियों में इन लक्षणों के शरीर पर क्या प्रभाव होते है, साथ ही इनके ठीक होने की समयावधि में कितना अंतर होता है. इस यूरोपियन शोध को लेकर हमारे भारतीय चिकित्सक क्या सोचते है तथा क्या विदेश में किए गए इस शोध के नतीजे भारतीयों के लिए भी एक समान हैं! इस बात को जांचने के लिए ETV भारत सुखीभवा टीम ने वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. संजय जैन से भी बात की.
शोध के नतीजे
यूईए के नॉरविच मेडिकल स्कूल में व्याख्याता तथा शोध के अग्रणियों में से एक प्रो. कार्ल फिलपॉट ने शोध में उल्लेखित किया है की पूरी दुनिया में नाक में गंध और जबान पर जायके की कमी को कोरोना मुख्य लक्षणों में माना जा रहा है, वहीं पहले से ही तीव्र सर्दी के मुख्य लक्षणों में ये शुमार है. अब दोनों बीमारियों में इन लक्षणों में तथा शरीर पर उनके प्रभावों में अंतर को जानने के लिए दोनों बीमारियों के समान उम्र वाले दस-दस मरीजों को शोध का विषय बनाया गया. दोनों समूहों की जांच तथा निरीक्षण के बाद सामने आया की सामान्य तौर पर कोरोना पीड़ितों में गंध और जायके में कमी बंद नाक के साथ नहीं आती है. वे आमतौर पर आराम से श्वास ले सकते है.
वहीं स्वाद की बात करें तो सबसे ज्यादा असर रोगी के मीठे तथा कड़वे स्वाद को महसूस करने की क्षमताओं में होता है, क्योंकि ये दोनों ही स्वाद शरीर की सहज प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करते है. कोरोना मरीजों में गंध और स्वाद दोनों ही अहसास अपेक्षाकृत बहुत कम या समाप्त हो जाते है. इसके अलावा साइटोकिन तूफान नामक अवस्था के चलते रोगी के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता, श्वसन तंत्र, तंत्रिका तंत्र तथा पाचन तंत्र पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है.