कई बार जाने-अनजाने में निजी अंगों की देखभाल से जुड़ी छोटी-छोटी गलतियाँ या आदतें महिलाओं के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल सकती हैं. देवास मध्य प्रदेश की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. प्राची माहेश्वरी बताती हैं कि हमारे देश में न सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में बल्कि शहरी क्षेत्रों की पढ़ी-लिखी महिलायें भी निजी अंगों की साफ सफाई बनाए रखने के सही तरीकों को लेकर ज्यादा जागरूक नहीं है. आइए जानते हैं कि वो कौन सी अस्वस्थ आदतें या गलतियाँ हैं जो महिलाओं के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं.
माहवारी के दौरान लंबी अवधि तक एक ही पैड का इस्तेमाल
यह गलती अधिकांश महिलायें करतीं हैं. माहवारी के दौरान चाहे रक्तस्राव ज्यादा हो या कम ज्यादातर महिलायें पूरे दिन एक ही सेनेट्री पैड का इस्तेमाल करती हैं. जो योनि के संक्रमण का खतरा बढ़ा सकता है. डॉ. प्राची महेश्वरी बताती हैं कि माहवारी के दौरान लगभग हर छह घंटे में पैड बदलना जरूरी है. यदि रक्तस्राव ज्यादा हो पैड को और जल्दी बदलना चाहिए. वे बताती हैं कि माहवारी के दौरान साफ-सफाई का ज्यादा ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. अन्यथा योनि या पेशाब नली का संक्रमण होने का खतरा रहता है।
नहाने वाले साबुन से योनि को साफ करना
उत्तराखंड की वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. विजयलक्ष्मी बताती हैं कि आमतौर महिलायें जिस साबुन से नहाती हैं उसी से अपने निजी अंगों की सफाई भी करती हैं. आमतौर नहाने के लिए उपयोग किए जाने साबुन में तीव्र रसायनों की मात्रा ज्यादा होती है . वहीं हमारे निजी अंगों की त्वचा काफी संवेदनशील होती है. ऐसे में सामान्य साबुन से गुप्तांगो की सफाई, विशेषकर योनि के आसपास की त्वचा के पीएच संतुलन पर असर डालती है. जिससे वहाँ खुजली, खुश्की और दानों की समस्या हो सकती है. इसके अलावा तीव्र रसायन वाले साबुन योनि को संक्रमण मुक्त रखने वाले अच्छे बैक्टीरिया को भी नष्ट करने में सक्षम होते हैं, जिससे बैक्टीरियल वैजिनोसिस होने को आशंका भी बढ़ जाती है। इसलिए गुप्तांगों की सफाईके लिए रसायन रहित साबुन, सेफ वॉश या सिर्फ पानी का इस्तेमाल करना चाहिए. यहां यह जानना भी जरूरी है की योनि की सफाई के लिए विशेष रूप से तैयार सेफवॉश का भी लगातार इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
अंतःवस्त्रों को तीव्र रसायन वाले डिटर्जेंट में धोना