शोधकर्ताओं ने खुलासा किया है कि कोविड-19 महामारी भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों में गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) जैसे मधुमेह, कैंसर, श्वसन संबंधी समस्याओं या हृदय संबंधी दिक्कतों वाले लोगों के लिए दोहरा आघात बनकर आई है. 'फ्रंटियर इन पब्लिक हेल्थ' नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि एनसीडी वाले लोग कोविड-19 की चपेट में आने और इसकी वजह से जान गंवाने के लिए अधिक संवेदनशील हैं. इसके साथ ही महामारी के दौरान ऐसे रोगों से पीड़ित व्यक्ति अगर स्वास्थ्य के लिए सही नहीं मानी जानी वाले आहार लेता है, तो उसके लिए महामारी और भी भयावह हो सकती है.
शोधकर्ताओं ने माना कि कोविड-19 की वजह से आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं भी बाधित हुई, जिससे इस तरह के रोगों का सामना कर रहे लोगों ने अपनी स्वास्थ्य स्थिति का पता लगाने और इसका पर्याप्त इलाज कराने में भी ढिलाई बरती है.
शोध के लिए ब्राजील, भारत, बांग्लादेश, नेपाल, पाकिस्तान और नाइजीरिया जैसे निम्न और मध्यम आय वाले देशों में एनसीडी वाले लोगों पर कोविड-19 के पड़ने वाले प्रभावों की समीक्षा की गई. सिडनी में यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स (यूएनएसडब्ल्यू) और नेपाल, बांग्लादेश एवं भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य शोधकर्ताओं के बीच एक सहयोग के तौर पर यह शोध किया गया.