न्यूयॉर्क :एक शोध के अनुसार मलेरिया के खिलाफ दशकों से चली आ रही लड़ाई का समाधान साबुन से मिल सकता है. एल पासो में टेक्सस विश्वविद्यालय (यूटीईपी) के वैज्ञानिकों ने पाया कि कीटनाशकों के कुछ वर्गों में तरल साबुन की थोड़ी मात्रा उनकी क्षमता को दस गुना से अधिक बढ़ा सकती है. यूटीईपी में जैविक विज्ञान विभाग में सहायक प्रोफेसर और मुख्य लेखक कोलिन्स कामडेम ने कहा कि यह खोज एक आशाजनक खबर है क्योंकि मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों में वर्तमान कीटनाशकों के प्रति बढ़ती प्रतिरोधक क्षमता दिखाई देती है.
कामडेम ने कहा कि पिछले दो दशकों में मच्छर अधिकांश कीटनाशकों के प्रति प्रतिरोधी हो गए हैं. अब कार्रवाई के नए तरीकों के साथ वैकल्पिक मिश्रण को विकसित करने की दौड़ चल रही है. यूटीईपी में अनुसंधान सहायक प्रोफेसर कैरोलिन फौएट ने कहा कि प्रयोगशाला परीक्षणों और क्षेत्र परीक्षणों दोनों से पता चला है कि नियोनिकोटिनोइड्स, कीटनाशकों का एक विशेष वर्ग, मौजूदा कीटनाशकों के प्रति प्रतिरोध दिखाने वाली लक्षित आबादी के लिए एक आशाजनक विकल्प है.
हालांकि, नियोनिकोटिनोइड्स मच्छरों की कुछ प्रजातियों को तब तक नहीं मार सकते जब तक कि उनकी क्षमता को बढ़ाया न जाए. इस मामले में फौएट ने कहा कि साबुन शक्ति बढ़ाने वाला पदार्थ है. मलेरिया एक विनाशकारी मच्छर जनित बीमारी है जो उप-सहारा अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में प्रचलित है, जिससे बुखार, थकान, सिरदर्द और ठंड लगती है. यह रोग घातक हो सकता है.