फिटनेस, विशेषकर व्यायाम के नियमों और उनसे जुड़े तथ्यों के बारें में ज्यादा जानकारी नहीं रखने वाले लोग, आमतौर पर सुनी सुनाई बातों पर विश्वास करके व्यायाम तथा उनसे जुड़े वजन कम करने और खान पान संबंधी भ्रमों को सही मानने लगते हैं . जिसका नतीजा यह होता है की वे फिटनेस दिनचर्या को कठिन , खर्चीला तथा स्वास्थ्य को अलग अलग तरह से प्रभावित करने वाला मानकर उससे दूरी बनाने लगतें हैं . यही नही कई बार लोग गलत जानकारियों के प्रभाव में आकर गलत तरीके से व्यायाम करने लगते हैं जिससे उनके शरीर को फायदा पहुँचने की बजाय नुकसान पहुँचने लगता है . अपने विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर ETV भारत सुखीभवा अपने पाठकों के साथ साँझा कर रहा है फिटनेस को लेकर कुछ प्रचलित भ्रमों और उनकी सच्चाई से जुड़ी जानकारियां.
- भ्रम : सिर्फ व्यायाम से कर सकते हैं वजन कम
योग व एरोबिक्स प्रशिक्षक मीनू वर्मा बताती हैं कि सिर्फ व्यायाम द्वारा वजन कम किया जाना संभव नहीं है. वजन कम करने के लिये व्यायाम के साथ साथ सही समय पर सही आहार ग्रहण करना भी जरूरी है. वे बताती हैं की शारीरिक सक्रियता निसन्देह हमारे शरीर को चुस्त रखती है , लेकिन वजन कम करने के लिये संयुक्त रूप से व्यायाम तथा आहार की सही तथा अनुशासित दिनचर्या जरूरी है. - भ्रम : मसल्स बनाने के लिए प्रोटीन डाइट विशेषकर प्रोटीन पाउडर जरूरी
पोषण विशेषज्ञ संगीता मालू बताती हैं कि प्रोटीन निश्चित तौर पर मसल्स बनाने में मदद करते हैं लेकिन एक स्वस्थ शरीर के लिए तथा शरीर के मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाने के लिए आहार में अन्य पोषक तत्वों का होना भी जरूरी है . इसके अतिरिक्तप्रोटीन पाउडर की बजाय प्रोटीन के प्राकृतिक स्रोतों जैसे फल, सब्जी, डेयरी उत्पाद तथा मांसाहार का सेवन ज्यादा बेहतर रहता है. यदी कोई व्यक्ति विशेषरूप से अपनी मांसपेशियों को सुडौल करने तथा एब्स बनाने के लिये प्रयास कर रहा हो तो उन्हे किसी पोषण विशेषज्ञ की सलाह पर ही अपने आहार की दिनचर्या निर्धारित करनी चाहिए क्योंकि हर शरीर की पोषण की जरूरत अलग अलग होती है. - भ्रम: वजन उठाने से मसल्स बन जाते हैं
जिम ट्रेनर तथा बॉडी बिल्डर आशीष जोशी बताते हैं की यह सोचना कि सिर्फ भारी वजन उठाने से मांसपेशियाँ सुडौल हो जाएंगी , सही नहीं है. शरीर के अलग अलग हिस्सों की मांसपेशियों को सुडौल बनाने के लिये अलग अलग प्रकार के व्यायामकी जरूरत पड़ती है. मांसपेशियों को सुडौल बनाने के लिये व्यायाम का प्रकार तथा उन्हे सही आवृत्ती में किया जाना , यानी उन्हे एक बार में कितनी बार तथा कितने लैप करना है, जरूरी है . इसके अतिरिक्त सिर्फ हफ्ते में एक या दो दिन जिम जाने से बॉडी नहीं बनती है, इसके लिये नियमित यानी प्रतिदिन कड़ा व्यायाम किया जाना जरूरी है. - भ्रम: वर्कआउट बंद करने के बाद तत्काल बाद वजन बढ़ जाता है
मीनू वर्मा बताती हैं कि यह इस बात पर निर्भर करता है की आप नियमित रूप से किस प्रकार व्यायाम करते हैं और कैसा भोजन करते हैं. वह बताती हैं की किसी भी प्रकार के वर्कआउट को बंद करने के उपरांत मोटापातब तक आपकों प्रभावित नही करेगा जब तक आपका आहार असंतुलित ना हो. यदि आपका आहार पौष्टिक है तो मोटे होने की आशंका काफी कम होती है. - भ्रम: नियमित व्यायाम करने पर पौष्टिक आहार की ज्यादा जरूरत नहीं.
आज की पीढ़ी में यह आम अवधारणा नजर आती हैं की यदि वे नियमित व्यायाम करते हैं तो वे कुछ भी खा सकते हैं. यही कारण है की दिन में दो से चार घंटे जिम में बिताने वाले कम उम्र के लोगों में भी ह्रदय रोग जैसे रोग जानलेवा रूप में नजर आने लगे हैं. डॉ संगीता मालू बताती हैं कि ना सिर्फ अच्छी बॉडी बल्कि निरोगी सेहत के लिये भी सही डाइट बहुत जरूरी होती है.