डॉ. रेड्डी बताते है कोई गंभीर दुर्घटना या किसी बीमारी के चलते होने वाला मस्तिष्क आघात दिमाग की क्रियाओं और प्रतिक्रियाओं को अलग-अलग स्तर पर प्रभावित करता है. ज्यादातर मामलों में मस्तिष्क से जुड़ी समस्या जन्मजात तथा आनुवंशिक नहीं होती है, बल्कि किसी संक्रमण, हाइपरटेंशन जैसी कोमोरबिड बीमारी या किसी दुर्घटना के कारण दिमाग के चोटिल होने यानि दिमाग की खून की नसों के क्षतिग्रस्त होने के कारण पैदा होती है. जिसे सेरेब्रो वैस्कुलर इंजरी कहा जाता है. जिसका हमारे शरीर के तंत्रों पर खासा असर पड़ता है, क्योंकि हमारा दिमाग ही हमारे शरीर के कार्यों और गतिविधियों को संचालित करता है.
दिमागी चोट के पुरुष के यौन स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. रेड्डी ने बताया की इन परिस्थितियों में जब पुरुष के लिंग को उत्तेजना के लिए सूचित करने वाला दिमागी भाग क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो पीड़ित व्यक्ति शारीरिक संबंध बनाने में असमर्थ और नपुंसकता जैसी समस्याओं का शिकार बन जाता है. और चिंता की बात यह है की ऐसे मरीजों का ठीक होना बहुत मुश्किल होता है. ये परिस्थितियां उस समय ज्यादा शोचनीय हो जाती है, जब पीड़ित की आयु 40 वर्ष से कम हो. क्योंकि कम आयु में यौन क्रियाओं में असमर्थता कई तरह के मानसिक विकारों को भी जन्म देती है.
मस्तिष्क आघात से यौन व्यवहार में परिवर्तन
किसी भी दुर्घटना या बीमारी के चलते होने वाले मस्तिष्क आघात के चलते पुरुषों के यौन व्यवहार तथा उसकी यौन सक्रियता पर काफी असर पड़ता है.
- कामेच्छा में कमी-किसी भी कारण से मस्तिष्क के चोटिल होने की अवस्था में यदि हमारे दिमाग का वह हिस्सा प्रभावित हो जो प्रेम, शारीरिक संसर्ग तथा कामोत्तेजना को नियंत्रित करता है, मरीज की कामेच्छा में कमी आ जाती है.
- नपुंसकता और ऑर्गेज्म प्राप्त करने में असमर्थता-दिमागी आघात के चलते अस्थाई या स्थाई नपुंसकता की समस्या हो सकती है. इसके अलावा पीड़ित महिला और पुरुषों को मस्तिष्क आघात के बाद शारीरिक संबंधों में ऑर्गेज्म प्राप्त करने में भी समस्या होती है. मस्तिष्क आघात के अलावा कई बार अवसाद, तनाव और निजी रिश्तों में परेशानियों के कारण भी सेक्स की आव्रती यानि यौन संबंध बनाने की संख्या में कमी आती है.
मस्तिष्क आघात और शारीरिक समस्याओं के कारण
यौन क्रिया और उत्तेजना के लिए जिम्मेदार दिमाग का भाग यदि आघात या चोट के कारण क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो पीड़ित को यौन संबंध बनाने में काफी समस्या होती है, यहां तक की कई बार वह शारीरिक संबंध बनाने में अक्षम हो जाता है. वहीं कुछ परिस्थितियों में मस्तिष्क अस्वास्थता, शारीरिक रूप से सक्षम व्यक्ति में सेक्स संबंधों को लेकर अरुचि, आकर्षण, उन्माद और उत्तेजना का एहसास ना कर पाने जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है.
- भावनाएं :मानसिक आघात के चलते होने वाला तनाव , बैचेनी व अवसाद भी सेक्स संबंधों में रुचि को कम करते है.
- दवाइयां :गंभीर मस्तिष्क समस्याओं के लिए दी जाने वाली दवाइयों से भी कामोत्तेजना में कमी आती है तथा शारीरिक संबंधों में अरुचि बढ़ती है.
- अन्य प्रकार की शारीरिक क्षति :किसी भी दुर्घटना में मस्तिष्क के अलावा ऐसे अंग जो यौन क्रियाओं को प्रभावित करते है, चोटिल होते है, तो उस अवस्था में भी यौन संबंधों पर असर पड़ता है.
- अन्य बीमारियों का असर :इसके अलावा यदि मस्तिष्क आघात से प्रभावित व्यक्ति को पहले से ही मधुमेह या उच्च रक्तचाप की समस्या हो तो, उसकी परेशानी काफी बढ़ सकती है.
डॉ. रेड्डी बताते हैं मानसिक आघात एक गंभीर समस्या है. इसलिए बहुत जरूरी है की ऐसे मरीजों का विशेष ध्यान रखा जाए. ऐसे मरीज कई बार मानसिक समस्याओं का भी शिकार हो जाते है. इसके लिए जरूरी है की उनसे बात करके उनकी समस्याओं को समझा जाए. मस्तिष्क आघात का इलाज तो संभव है, लेकिन उसका यौन स्वास्थ्य पर पड़ने वाला असर आसानी से ठीक नहीं होता है. इसलिए नियमित रूप से विशेषज्ञ द्वारा काउनसिलिंग ली जानी चाहिए तथा चिकित्सक द्वारा बताई गई सावधानियों का नियमित रूप से पालन करना चाहिए.