जाने माने लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि टीकाकरण के बाद साइड-इफेक्ट या 'रिएक्टोजेनसी' की संभावना 66 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मियों में होने की संभावना है। ये साइड इफेक्ट एक दिन के भीतर ही काफी कम होने की भी संभावना है।
सर्वेक्षण, जिसमें 5,396 उत्तरदाताओं से प्रतिक्रियाएं संकलित की गई, सभी स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों, जिन्होंने कोविड टीके प्राप्त किए थे, उनमें से 66 प्रतिशत ने टीकारकण के बाद हल्के साइड-इफेक्ट होने की बात कही।
सर्वेक्षण में उत्तरदाताओं ने कहा कि टीकाकरण के बाद उनके द्वारा अनुभव किए जाने वाले सबसे आम लक्षण माइएल्जिया (44 प्रतिशत), बुखार (34 प्रतिशत), सिरदर्द (28 प्रतिशत), इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द (27 प्रतिशत), जॉइंट पेन (12 प्रतिशत), मतली (8 प्रतिशत) और दस्त (3 प्रतिशत) जबकि थकावट (45 प्रतिशत) मुख्य रूप से नजर आए। अध्ययन ने कहा, 'गले में खरास, अनिद्रा, एलर्जी रैश, ठंड लगना, उल्टी, सिंकोप जैसे अन्य लक्षण 1 प्रतिशत या उससे कम दिखाई दिए।'
यह भी कहा गया कि उत्तरदाताओं द्वारा सूचित लक्षण इतने गंभीर नहीं थे कि उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़े। इसके अलावा, सर्वेक्षण में यह भी बताया गया है कि 90 प्रतिशत मामलों में, लक्षण या तो अपेक्षा से अधिक मामूली थे या वैक्सीन प्राप्तकर्ता की अपेक्षा के मुताबिक थे।
इस बीच, सर्वेक्षण में बताया गया है कि अधिकांश उत्तरदाताओं के बीच साइड इफेक्ट 24 घंटे से अधिक समय तक नहीं रहा। उत्तरदाताओं में से 37 प्रतिशत (1,225) ने बताया कि उनके लक्षण एक दिन से अधिक लंबे नहीं हुए, जबकि 31 प्रतिशत ने दिखाया कि उनके लक्षण 48 घंटे तक सुस्त रहे, जबकि केवल 6 प्रतिशत ने दावा किया कि उनके लक्षण 48 घंटे की अवधि तक रहे, जबकि सिर्फ 6 प्रतिशत ने 48 घंटे से ज्यादा समय तक लक्षण रहने की बात कही।