नई दिल्ली:कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जारी किए गए लॉकडाउन से पहले ही काम धंधा बंद होने से लोगों को रोजगार छिन गया है और अब अनलॉक में भी कई व्यवसाय पटरी पर नहीं लौट पा रहा है. ऐसे में रोज कमाने खाने वाले धोबियों के लिए लॉकडाउन में रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है. रजक समाज का व्यवसाय ठप पड़ गया है.
लॉकडाउन के कारण रजक समाज के लोगों के सामने आई आर्थिक तंगी समस्या को कोई सुनने वाला नहीं
रोजाना इस्त्री करना, कपड़ा साफ करना और धामक कार्यो में योगदान देकर अपने साथ-साथ परिवार का भरण पोषण करने वाले रजक समाज के लोगों आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. अब ये समाज सरकार से मदद की गुहार लगा रहा है, लेकिन कोई इनकी समस्या सुनने को तैयार नहीं है.
कहीं से नहीं मिली मदद
रजक समाज के लोग दिल्ली सरकार से लेकर केंद्र सरकार और यहां तक की सोनिया गांधी तक को पत्र लिख चुके हैं. लेकिन कोई भी न तो मदद करने की बात कर रहा है और तो और आश्वासन दे रहा है. समाज के लोगों का कहना है कि सत्ता में आने से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनके समाज की मदद करने के लिए बड़े-बड़े वादे किए लेकिन थे. लेकिन सत्ता में आते ही भूल गए हैं.
इनका कहना है कि और किसी तरह की मदद तो छोड़िए कम से कम इस मुश्किल हालात में तो कुछ मदद करें सरकार. इनके अनुसार इस समाज के काफी लोग अभी भी इसी पेशे को अपनाए हुए हैं. अगर सरकार कुछ भी कदम उठाती तो इनके काम को पटरी पर लाने में मदद मिलती.
हालांकि, अब भी इनकी उम्मीदें हैं कि उनके समाज की हालत देखते हुए कोई आर्थिक मदद सरकार उनको देगी ताकि इनके समाज के लोग अपने काम को फिर से शुरू कर सकें क्योंकि इस लॉकडाउन में काफी लोग जिनका अपना आशियाना नहीं था, वे दिल्ली छोड़कर जाने को मजबूर हो गए. लेकिन कम से कम जो हैं उनकी कुछ तो मदद हो.