नई दिल्ली: राजधानी में सरकार और एनजीटी के आदेशों के बाद भी वेस्ट दिल्ली के इलाकों में जमकर पटाखे फोड़े गए. अलग-अलग कॉलोनी, गली और मोहल्ले, हर जगह पटाखे का शोर पिछले सालों की तरह ही सुनाई देता रहा. फुलझड़ी हो, बम हो, पटाखे हो या फिर रॉकेट और दूसरी क्रैकर, हर जगह लोगों ने जमकर पटाखे जलाए. नांगल राया इलाके में इस वजह से एक निर्माणाधीन जगह पर आग भी लग गई.
नांगल में पटाखे की चिंगारी से लगी आग लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े
राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के बीच पहले सरकार की तरफ से और फिर एनजीटी की तरफ से पटाखे बेचने और फोड़ने पर ना सिर्फ पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया था बल्कि पटाखे जलाते हुए पकड़े जाने पर जेल की सजा का प्रावधान भी था. लेकिन इसके बावजूद दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में इसका कोई डर लोगों में नहीं दिखा. लोगों ने जमकर तरह-तरह के पटाखे फोड़े. पटाखे फोड़ने की शुरुआत शाम से हुई वह देर रात तक चलती रही. इस दौरान नंगल राया इलाके में एक जगह आग लगने की घटना हुई.
पटाखे और रॉकेट की चिंगारी निर्माणाधीन साइट पर गिरी
दरअसल पटाखे और रॉकेट की चिंगारी एक निर्माणाधीन साइट पर जा गिरी. इससे वहां रखे कुछ प्लास्टिक के ड्रम, बर्तन और अन्य सामानों के होने की वजह से उसमें आग फैल गई और देखते-देखते आग की लपटें निकलने लगी. हालांकि आसपास के लोगों ने समय रहते पानी डालकर आग को बुझाया. जिस वक्त आग लगी आसपास लोग मौजूद थे और उनकी नजर पड़ गई, इससे हादसा होने से बच गया. फायर ब्रिगेड को बुलाने की जरूरत नहीं पड़ी. स्थानीय लोगों ने ही मिलकर इस आग पर काबू पाया.
प्रदूषण बढ़ने की परवाह नहीं, लोग जमकर पटाखे जलाते रहे
दिवाली की पूरी रात दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में जिसमें उत्तम नगर, जनकपुरी, विकासपुरी, नांगल राया, मायापुरी और सागरपुर में बच्चे और बड़े सबने जमकर पटाखे जलाए. लेकिन सरकार या एनजीटी की तरफ से या फिर पुलिस की तरफ से ऐसी कोई व्यवस्था नहीं दिखी जिससे लोगों को पटाखे जलाने से रोका गया हो. पुलिस की तरफ से भी कोई व्यवस्था नहीं थी, जो इन लोगों को समझाती या फिर उन पर जुर्माना करती. ऐसे में बड़ा सवाल ये कि इस रोक का आखिर मतलब क्या है और प्रदूषण ऐसे में कैसे रुकेगा.