नई दिल्ली/नोएडा:ग्रेटर नोएडा के परी चौक से आगरा तक बने 165 किमी लंबे और 100 मीटर चौड़े एक्सप्रेस वे पर बढ़ते ठंड और कोहरे के बीच दुर्घटना को रोकने के लिए यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण लगातार प्रयास कर रहा है. भारी व हल्के वाहनों की रफ्तार कम की गई है. इसके बावजूद हादसे में लोगों ने अपनी जान गंवा रहे और घायल भी हो रहे हैं. यह अधिकारियों के लिए चिंता का कारण बना हुआ है.
यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के सीईओ का कहना है कि हादसों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. यमुना एक्सप्रेस वे को 6 लेन से 8 लेन का करने की तैयारी चल रही और इसकी डीपीआर बनाई जा रही है. जल्द रोड सेफ्टी कमेटी के नॉर्म्स के अनुसार, 15 दिन के अंदर इसका डीपीआर तैयार हो जाएगा. यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो पॉइंट पर जो कल दुर्घटना हुई उसमें एक कैंटर फ्लाईओवर के ऊपर से नीचे गिर गया था, जिसमें ड्राइवर दानिश और रिहान गंभीर रूप से घायल हो गए. इसका संज्ञान लेते हुए यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के सीईओ ने यमुना एक्सप्रेस वे के मेंटेनेंस, रिपेयर और ऑपरेशन के लिए उत्तरदाई संस्था जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड से रिपोर्ट मांगी गई थी.
जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बीम की ऊंचाई आधा मीटर है, जिसके कारण इस प्रकार के हादसे होते हैं. पहले भी इस प्रकार के हादसे हुए हैं. सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि इंडियन रोड कांग्रेस के पहले जो नॉर्म्स थे उसके अनुसार जो सुरक्षा के लिए बीम (रेलिंग) लगाई गई है उसकी ऊंचाई आधा मीटर है. लेकिन अब इसको इंडियन रोड कांग्रेस ने चेंज कर ऊंचाई को 2.5 मीटर कर दिया है. जैसे सेंट्रल वर्ज पर जो हाई बीम लगाया गया उससे 50 फीसदी दुर्घटनाओं में कमी आई है, लेकिन रोड के साइड में जो बीम लगे हैं, उनको तोड़ कर दो घटनाएं हुई हैं. मतलब उसने भी सुधार की आवश्यकता है. इसी प्रकार एक्सप्रेस वे की दोनों साइडों में सुरक्षा के लिए जो बीम लगे हैं उनकी हाइट को 2.78 की ऊंचाई तक करने का निर्णय लिया गया.