नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर विधानसभा में लगने वाला जाफराबाद दूसरा शाहीन बाग बनता जा रहा है. दरअसल यहां की महिलाएं पिछले करीब एक सप्ताह से नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) के विरोध में आंदोलन की राह पर चल रही हैं. महिलाएं रोज यहां कैंडल मार्च निकालकर इलाके के लोगों को जागरूक कर रही है और उसके बाद महिलाओं को बताया जाता है कि कैसे यह कानून जान विरोधी और संविधान के खिलाफ है.
पिछले एक सप्ताह से आंदोलन जारी
सीएए और एनआरसी को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन का सिलसिला लगातार चल रहा है. इसी कड़ी में जाफराबाद की महिलाओं ने भी पिछले करीब एक सप्ताह से अपना आंदोलन चलाया हुआ है. जाफराबाद इलाके में महिलाएं हर रोज शाम ढलते ही अपने हाथों में सीएए-एनआरसी विरोधी नारे लिखे प्ले कार्ड और पोस्टर लेकर निकल पड़ती है. आंदोलन में शामिल महिलाओं का कहना था कि हम नहीं चाहते कि देश में एक ऐसा कानून लगे जिसमें सारी जातियों के बीच भेदभाव हो, हम भेदभाव को बढ़ावा नहीं देते.
जाफराबाद की गलियों में हर रोज कैंडल मार्च
हाथों में मोमबत्ती लिए इन महिलाओं का यह कैंडल मार्च बेहद शांतिपूर्ण ढंग से जाफराबाद की गलियों से गुजरता हुआ एक स्थान पर पहुंचकर छोटी सभा का रूप ले लेता है. जहां आंदोलन में शामिल यह महिलाएं केंद्र सरकार द्वारा लाये गए इन कानून के विरोध में नारे लगाती हैं और आंदोलन में जुड़ने वाली नई महिलाओं को बताया जाता है कि कैसे केंद्र सरकार सीएए लाकर नागरिकों में भेदभाव कर रही है. ये कानून जन विरोधी और देश के संविधान के खिलाफ है.