नई दिल्ली:साउथ दिल्ली में नारकोटिक्स कि स्पेशल स्टाफ टीम ने एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो बिजली उपभोक्ताओं को लक्षित करता है. खुद को BSES विभाग का बता कर उपभोक्ताओं को बेवकूफ बनाते है.
वे किसी भी आवासीय या वाणिज्यिक भवन का दौरा करते हैं, खुद को BSES विजिलेंस टीम का बता कर मीटर की जांच करते हैं. किसी भी वास्तविक या बनाई गई गलती को दिखा कर वे स्थापित बिजली मीटर को उखाड़ उसे जब्त कर लेते हैं. उसके बाद भारी जुर्माने की उपभोक्ता को धमकी देते है. मामले को निपटाने के लिए पैसे निकलवाते हैं.
'निगरानी रखी गई थी'
स्पेशल स्टाफ टीम ने विशिष्ट जानकारी पर कि गैंग लीडर प्रशांत अपने सहयोगी के साथ एशियन मार्केट के पास आएगा. एम. बी. रोड़ पर एक जाल बिछाया गया और बॉस सहित गिरोह के दो गुर्गों को पकड़ लिया है.
पकड़े गए आरोपियों में से एक अभियुक्त बृजेश शर्मा उर्फ प्रशांत पहले ऐसे ही एक मामले में एफआईआर नंबर 861/14 यू / एस 419/420/120 बी आईपीसी पीएस आर. के. पुरम में शामिल था.
मिले BSES फर्जी पहचान पत्र
अपराध में इस्तेमाल किए गए 3 मोबाइल फोन, एक कार एक्सेंट, एक मोटरसाइकिल, एक चोरी का बिजली मीटर, 42 अलग-अलग बिजली मीटरों की टूटी हुई सील, BSES के फर्जी पहचान पत्र, सील तोड़ने में इस्तेमाल होने वाले औजार और मीटर उखाड़ने के लिए परीक्षक, पेचकश, सरौता और कुछ दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं.
ऐसे ठगते थे लोगों से रुपए
मुखबिरों के माध्यम से उन्हें बिजली दुरुपयोग की जानकारी मिलती थी. वे खुद को BSES विजिलेंस टीम का बता कर परिसर का दौरा करते थे. मीटर उखाड़ कर भारी बिल और जुर्माना की धमकी देतें थे. जो लोग पैसे देकर मामले का निपटान करते थे तो वे उनके मीटर को फिर से लगा देते थे.
अधिकतर लोग कोई शिकायत नहीं करते हैं और इसे सुलझा लेते हैं. उनमें से कुछ केवल मीटर चोरी की एफआईआर दर्ज करते हैं या कभी-कभी नए मीटर लगाने के उद्देश्य से केवल खोई हुए की रिपोर्ट दर्ज करा देते है.