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Fake Doctors Case: मेडिकल सेंटर के खिलाफ दिल्ली मेडिकल काउंसिल में शिकायतें दर्ज, हुए कई खुलासे - Doctors arrested with fake degree

दिल्ली में फर्जी डॉक्टरों के रैकेट के भंडाफोड़ के बाद मंगलवार को आरोपियों की गिरफ्तारी की गई. इसके बाद लगातार नई जानकारियां निकलकर सामने आ रही हैं. मामले में पुलिस ने कई खुलासे किए हैं. Fake Doctors Case, Doctors arrested with fake degree

arrest of fake doctors in Delhi
arrest of fake doctors in Delhi

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 16, 2023, 9:04 AM IST

Updated : Nov 16, 2023, 2:45 PM IST

मामले में हो रहे खुलासे

नई दिल्ली:दिल्ली के ग्रेटर कैलाश इलाके में अग्रवाल मेडिकल सेंटर में फर्जी डॉक्टरों के रैकेट का भंडाफोड़ के मामले में लगातार नई बातें निकलकर सामने आ रही हैं. इससे स्थानीय लोगों ने जहां राहत की सांस ली है, वहीं सरकार व प्रशासन पर भी सवाल उठाए गए हैं कि पॉश इलाके में भी ऐसा मेडिकल सेंटर कैसे चलाया जा रहा था.

2022 में भी दर्ज हुई थी शिकायत: डीसीपी चंदन चौधरी ने बताया कि 10 अक्टूबर 2022 को संगम विहार की एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके पति ने 19 सितंबर 2022 को अग्रवाल मेडिकल सेंटर में पित्ताशय की पथरी निकलवाई थी. शुरुआत में डॉ. नीरज अग्रवाल ने दावा किया था कि एक प्रसिद्ध सर्जन डॉ. जसप्रीत सिंह सर्जरी करेंगे. हालांकि, सर्जरी से ठीक पहले उन्हें बताया गया कि कुछ आपात स्थिति के कारण डॉ. जसप्रीत सिंह ऑपरेशन नहीं करेंगे.

सात शिकायतें दर्ज: इसके बाद डॉ. महेंद्र सिंह के साथ डॉ. नीरज अग्रवाल और डॉ. पूजा ने सर्जरी की. महिला ने अपनी शिकायत में कहा था कि बाद में पता चला कि डॉ. महेंद्र सिंह और डॉ. पूजा फर्जी डॉक्टर हैं. सर्जरी के बाद उसके पति को तेज दर्द हुआ और वह बेहोश हो गया. इसके बाद उसे सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. जांच से पता चला है कि डॉ. जसप्रीत सिंह सर्जरी के दौरान मौजूद नहीं थे और उन्होंने फर्जी दस्तावेज बनवाए थे. लापरवाही से मरीजों की मौत के लिए अग्रवाल मेडिकल सेंटर के खिलाफ दिल्ली मेडिकल काउंसिल में सात शिकायतें दर्ज की गईं जा चुकी हैं.

हाल में भी सामने आया था मामला: डीसीपी ने बताया कि 27 अक्टूबर, 2023 को एक अन्य मरीज जय नारायण की सर्जरी के बाद मौत हो गई. मामले की जांच में एक मेडिकल बोर्ड ने एक नवंबर, 2023 को मेडिकल सेंटर में कमियां पाईं और डॉ. नीरज अग्रवाल द्वारा बार-बार फर्जी दस्तावेज तैयार करने का खुलासा हुआ. मृतक असगर अली की पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टोमी की जटिलताओं के कारण रक्तस्रावी आघात बताया गया. इसके बाद मंगलवार को अयोग्य व्यक्तियों द्वारा नियोजित सर्जरी के पर्याप्त सबूतों पर आधार पर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया.

ये चीजें हुई बरामद:मौके से 414 प्रिस्क्रिप्शन पर्चियां भी जब्त की हैं, जिनपर शीर्ष पर काफी जगह छोड़ने के बाद केवल डॉक्टरों के हस्ताक्षर थे. इसके अलावा दो रजिस्टरों में उन मरीजों का विवरण था, जिनका गर्भपात अस्पताल में किया गया था. साथ ही कई प्रतिबंधित दवाएं, इंजेक्शन और सर्जिकल ब्लेड सहित विभिन्न मरीजों के मूल नुस्खे की पर्चियां भी बरामद की गईं. इसके अलावा अलग-अलग बैंक के 47 चेक बुक, पासबुक, 56 एटीएम कार्ड अलग छह कार्ड स्वाइपिंग मशीनें बरामद की गईं.

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हो सकते हैं और खुलासे: बताया जा रहा है कि आरोपी नीरज अग्रवाल पहले सफदरजंग अस्पताल में नौकरी कर चुका था, जिसके बाद उसने यह मेडिकल सेंटर खोला. इसमें पूजा अग्रवाल बतौर नर्सिंग स्टाफ और महेंद्र बतौर टेक्नीशियन काम करते थे. वहीं जसप्रीत को उनका हेड रखा गया था. सर्जरी के समय प्रिस्क्रिप्शन डॉ. जसप्रीत के नाम से बनती थी, लेकिन ऑपरेशन टेक्नीशियन महेंद्र करता था, जिसके चलते मरीजों की मौतें हुईं. हालांकि जिस तरह से जानकारियां सामने आ रही हैं, मामले में और खुलासे भी हो सकते हैं.

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Last Updated : Nov 16, 2023, 2:45 PM IST

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