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MIS-C Syndrome: कोरोना से ठीक हो चुके बच्चों में बढ़ी सिंड्रोम की समस्या

तीसरी लहर के पहले ही बच्चे कोरोना (corona) से प्रभावित हो रहे हैं. कोरोना से ठीक हुए बच्चे दवाइयों के दुष्प्रभाव से मल्टी इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम( MIS C syndrome) से पीड़ित हो रहे हैं. दिल्ली-एनसीआर के अस्पतालों (delhi ncr hospital) में 180 बच्चे, इससे पीड़ित पाये गये हैं. दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (delhi medical association) के सचिव डॉ. अजय गंभीर और बाल रोग विशेषज्ञ व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सेंट्रल दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रमेश बंसल MIS-c (Multisystem Inflammatory Syndrome in Children) के बारे में विस्तार से बता रहे हैं.

MIS C syndrome
मल्टी इन्फ्लामेट्री सिंड्रोम

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Published : May 31, 2021, 5:48 PM IST

Updated : May 31, 2021, 11:00 PM IST

नई दिल्लीःकोरोना (corona) की दूसरी लहर में ठहराव, तो आ गया है, लेकिन तीसरी लहर (third wave) आने की आशंकाओं का बाजार गर्म है. दूसरी लहर के दौरान, जो बच्चे कोरोना से संक्रमित हुए, ठीक होने के बाद वे एक रहस्यमई संक्रमण से पीड़ित हो रहे हैं.

बच्चों में बढ़ी सिंड्रोम की समस्या

विशेषज्ञों के मुताबिक, कोरोना से ठीक हो चुके बच्चों में दो तरह की समस्याएं आम तौर पर देखी जा रही है. एक निमोनिया और दूसरा मल्टीसिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम( MIS C syndrome) . दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न अस्पतालों (delhi ncr hospital) में लगभग 180 बच्चे एडमिट हैं. अकेले दिल्ली में 150 से ज्यादा बच्चे हैं. ये वो आंकड़ें हैं, जो बच्चे अस्पतालों में भर्ती हैं. इससे ज्यादा बच्चे घरों में हो सकते हैं.


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यह सिंड्रोम काफी खतरनाक माना जा रहा है. बाल रोग चिकित्सकों के मुताबिक, कोरोना से ठीक हुए बच्चों में, जब नाखूनों का रंग नीला पड़ता हुआ दिखे, पेट दर्द की शिकायत हो, सांस लेने में परेशानी होने के साथ ही बुखार आने लगे, तो यह इस बीमारी की लक्षण हो सकते हैं. ऐसे लक्षण दिखे, तो बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता है.

Last Updated : May 31, 2021, 11:00 PM IST

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