दिल्ली में लोक अदालत का आयोज नई दिल्ली : दिल्ली में बड़े पैमाने पर वाहन चालक ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हैं. यह अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकत है कि दिल्ली में 1 करोड़ 79 लाख से ज्यादा चालान लंबित है. अब ऐसे मामलों को निपटाने के लिए दिल्ली में 11 फरवरी यानी शनिवार से लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. यह लोक अदालत दिल्ली की सभी जिला अदालतों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. इस दौरान करीब 1.44 लाख चालान और नोटिस का निपटारा किया जाएगा. दिल्ली के साकेत कोर्ट में सुबह से ही लोग चालान जमा कराने के लिए पहुंच रहे हैं. इसको लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है, क्योंकि लोक अदालत में सस्ते में निपटान हो जाता है.
लोक अदालत के लिए लाइन में लगे लोग लोक अदालत में चालान जमा कराने पहुंचे एक व्यक्ति ने बताया कि वह जामिया नगर से आए हैं, उनका 1000 रुपये का चालान था. उन्होंने बताया कि वह जिस मकान में किराए पर रहे थे उसका पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराया था, जिसकी वजह से 1000 रुपये का चालान जमा होना था. साथ ही कहा कि जब वह जज साहब के सामने पहुंचे तो अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में बताया तो उनका चालान मुफ्त में जमा कर दिया गया.
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उन्होंने बताया कि लोक अदालत में काफी लोगों का भला होता है. आज कई लोगों का यहां पर चालान जमा हुआ है और कई लोगों का माफ किया है. किसी को 100 या 200 रुपये का जुर्माना के तौर पर देना पड़ा. लोक अदालत से गरीब लोगों का भला हो रहा है. सुबह से दोपहर 12 बजे तक तकरीबन 250 से 300 चालान जमा हो चुके हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि समय की बचत है और कम समय में सारे काम हो जाते हैं.
साकेत कोर्ट के वकील हिलाल अख्तर और लॉ की स्टूडेंट प्रीति झा ने बताया कि लोक अदालत विशिष्ट मामलों का न्याय करने के लिए स्थापित एक अर्ध-न्यायिक अदालत है. इसकी अध्यक्षता न्यायाधीशों के एक पैनल द्वारा की जाती है. इसका उद्देश्य विवादों का त्वरित और लागत प्रभावी समाधान प्रदान करना है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने चालान के भुगतान के लिए लोक अदालत लगाई है. यह प्रणाली उन मोटर चालकों को रियायती दर पर जुर्माना अदा करने की अनुमति देती है, जिन्होंने यातायात उल्लंघन के लिए चालान प्राप्त किया है. इसके अलावा, लोक अदालत मोटर चालकों को अपने मामलों की निष्पक्ष तरीके से सुनवाई करने का अवसर भी प्रदान करती है.
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