नई दिल्ली: जेएनयू एक बार फिर सुर्ख़ियों में आ गया है दरअसल विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से एक मार्ग का नाम वीर सावरकर के नाम पर रखा गया. जिसको लेकर विवाद शुरू हो गया, मंगलवार की रात कुछ शरारती तत्व के द्वारा बोर्ड पर कालिख पोत कर बीआर अंबेडकर मार्ग और जिन्ना मार्ग लिख दिया गया.
वीर सावरकर मार्ग पर कालिख इस पूरे घटना की जेएनयू एबीवीपी ने निंदा की है और विश्वविद्यालय प्रशासन से कार्रवाई की मांग की.
एबीवीपी ने घटना की निंदा की
वहीं इस पूरे मामले को लेकर एवीबीपी जेएनयू इकाई अध्यक्ष शिवम चौरसिया ने इस घटना की निंदा की. साथ ही कहा कि विश्वविद्यालय में प्रशासन की ओर से सराहनीय कार्य किया गया, लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों ने उस पर पहले कालिख पोती, उसके बाद बीआर अंबेडकर मार्ग लिखा फिर जिन्ना मार्ग. इसके अलावा उन्होंने कहा कि यह वहीं लोग हैं जो देश के इतिहास को तोड़ मोड़ कर रखते हैं. जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है.
जेएनयू में महापुरुषों के नाम पर रोड
वहीं शिवम ने कहा कि जेएनयू में देश के महापुरुषों के नाम पर रोड का नाम है. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में भगत सिंह मार्ग, डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम मार्ग, स्वामी विवेकानंद मार्ग, बिरसा मुंडा मार्ग, सावित्रीबाई फुले मार्ग, नेताजी सुभाष चंद्र बोस मार्ग आदि है.
पुस्तकालय के नाम पर भी थी आपत्ति
उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले जब एबीवीपी ने पुस्तकालय का नाम बीआर अंबेडकर रखने की मांग की थी, तो उस दौरान भी इन्हीं लोगों ने प्रदर्शन किया था. बीआर अंबेडकर पुस्तकालय रखने पर आपत्ति जताई थी. लेकिन अब वहीं लोग वीर सावरकर मार्ग को बीआर अंबेडकर मार्ग का नाम दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह वहीं लोग हैं जो खुद को अंबेडकरवादी बताने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन इनकी मानसिकता कुछ और है.
जिन्ना का नाम बोर्ड से हटा
फिलहाल बोर्ड से मोहम्मद अली जिन्ना मार्ग का पोस्टर हटा दिया गया है और एक बार फिर से बोर्ड पर वीर सावरकर मार्ग की जगह बीआर अंबेडकर मार्ग लिख दिया गया है. गौर करने वाली बात है की कुछ ही दूरी पर एक और बोर्ड लगा हुआ है जिसपर वीर सावरकर मार्ग लिखा हुआ है लेकिन शरारती तत्वों ने उस बोर्ड को नुकसान नहीं पहुंचाया है.