नई दिल्ली: NEET PG की काउंसिलिंग कराने की मांग को लेकर सफदरजंग अस्पताल के रेजिडेंट डाक्टरों ने प्रदर्शन शुरू किया और OPD और इमरजेंसी सेवाएं बंद कर दी. डाक्टरों ने कहा कि नीट पीजी की काउंसिलिंग न होने से अस्पतालों में नए डाक्टरों की भर्ती नहीं हो पा रही है. इससे रेजिडेंट डाक्टरों को काफी परेशानी हो रही है. सोमवार को सरकार की ओर से डायरेक्टर जनरल आफ हेल्थ सर्विसेज डॉ. सुनील कुमार ने रेजिडेंट डाक्टरों से बातचीत की.
रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन से जुड़ी डॉक्टर ने बताया कि जब तक मांगों को लेकर सरकार की ओर कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलता है प्रोटेस्ट जारी रहेगा. इमरजेंसी सेवाओं को रेजिडेंट डॉक्टर सपोर्ट करेंगे या नहीं यह देर रात तक निर्णय हो पाएगा. अस्पताल में अपनी पत्नी को दिखाने के लिए नजफगढ़ से आए एक व्यक्ति ने बताया कि उनकी बीबी की आज सर्जरी होनी थी डॉक्टर ने कहा उन्हें मंगलवार को ओपीडी में लेकर आना.
सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टर्स की हड़ताल जारी यहां आने के बाद पता चला कि डॉक्टरों की हड़ताल है. डॉक्टर न ही उन्हें इमरजेंसी में देखने को तैयार हैं और न ही ओपीडी में. उन्होंने ऑफिस से पत्नी के इलाज के लिए छुट्टी ली थी लेकिन उनको यह नहीं पता था कि डॉक्टर हड़ताल पर है लेकिन इस हड़ताल से सबसे ज्यादा नुकसान मरीजों को झेलना पड़ रहा है.
सफदरजंग अस्पताल में हड़ताल ये भी पढ़ें-कोरोनाः दिल्ली में एक्टिव मामले 344, पॉजिटिविटी रेट 0.09%
पत्नी का इलाज कराने आए एक व्यक्ति ने बताया कि उन्हें आज के ऑपरेशन की डेट दी गई थी. सर्जरी होनी थी, लेकिन आज सर्जरी नहीं हो पाई और उन्होंने जल्दबाजी के चलते प्राइवेट अस्पताल में सारे चेकअप कराए थे ताकि उनका इलाज जल्दी हो सके और उन्होंने ऑफिस से छुट्टी मिली थी, लेकिन जब आज अस्पताल पहुंचे तो उन्हें पता चला कि डॉक्टर से हड़ताल पर हैं. यह हड़ताल गलत है हड़ताल नहीं होनी चाहिए थी. हड़ताल की वजह से लाखों मरीजों का नुकसान सदर अस्पताल में हो रहा है क्योंकि इलाज के अभाव में दूरदराज से सफदरजंग अस्पताल में मरीज आते हैं, लेकिन हड़ताल के चलते उन्हें इलाज नहीं मिल पा रहा है.