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सफदरजंग अस्पताल में 200 नॉन मेडिको स्टाफ को सीपीआर की दी गई ट्रेनिंग, डॉक्टरों ने बताई ये बात - delhi latest news

CPR training given to 200 non medico staff: दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में बुधवार को 200 नॉन मेडिको स्टाफ को सीपीआर की ट्रेनिंग दी गई. साथ ही उन्हें इसके बारे में विस्तार से बताया गया.

Safdarjung Hospital
Safdarjung Hospital

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 7, 2023, 12:52 PM IST

नई दिल्ली:अचानक हार्ट अटैक से मौत की घटनाएं बढ़ने के बाद, डॉक्टरों ने कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) को लेकर लोगों को जागरूक करना शुरू कर दिया है. अब आमलोगों को भी सीपीआर की सामान्य जानकारी दी जा रही है. इसी क्रम में बुधवार को सफदरजंग अस्पताल में गैर चिकित्सीय कर्मियों को सीपीआर के महत्व के बारे में बताया गया और उन्हें इसके माध्यम से लोगों की जान बचाने का प्रशिक्षण दिया गया. कार्यक्रम में एक वीडियो दिखाया गया, जिसमें प्रतिभागियों को सीपीआर की सही तकनीक सिखाई गई.

इसके बाद नोडल अधिकारी डॉ. निधि अग्रवाल द्वारा पुतलों पर सीपीआर की तकनीक का प्रदर्शन किया गया. इस दौरान 200 से अधिक गैर-चिकित्सा कर्मियों और छात्रों ने प्रशिक्षण का लाभ उठाया. इस अवसर पर मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के सदस्य डॉ. जेएल मीना मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे. सफदरजंग अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वंदना तलवार और वर्द्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज (वीएमएमसी) की प्रिंसिपल डॉ. गीतिका खन्ना भी वहां मौजूद रहीं और इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की सराहना की.

वहीं एमएस डॉ. वंदना तलवार ने कहा कि आजकल जिस प्रकार युवाओं को अचानक हार्ट अटैक आ रहे हैं और उनकी मौत हो रही है ऐसे में सभी को सीपीआर सीखना चाहिए. इससे वह समय रहते हार्ट अटैक से से पीड़ित लोगों की जान बचा सकते हैं. सीपीआर उस व्यक्ति के लिए जीवन रक्षक तकनीक है, जिसकी सांस या दिल की धड़कन अचानक बंद हो जाती है. सीपीआर में मस्तिष्क और अन्य महत्वपूर्ण अंगों में ऑक्सीजन युक्त रक्त प्रवाह को बनाए रखने के लिए पीड़ित के सीने को विशेष तरीके से दबाया जाता है.

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यदि किसी को तत्काल सीपीआर दिया जाए, तो कार्डियक अरेस्ट के शिकार व्यक्ति के बचने की संभावना दोगुनी से तिगुनी हो सकती है. हर साल कितने ही लोग कार्डियक अरेस्ट के समय सीपीआर न मिलने के कारण जान से हाथ धो बैठते हैं. एक सरल तकनीक है जिसे प्रासंगिक ज्ञान और कौशल रखने वाला कोई भी व्यक्ति कर सकता है और लोगों की जान बचा सकता है.

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