नई दिल्ली: एम्स के डॉक्टरों ने मानव शवों पर प्लास्टिक सर्जरी की बारीकियां सीखी. जाने-माने प्लास्टिक सर्जन डॉ. संजय पराशर ने डॉक्टरों को सिमुलेशन मॉडल पर प्रशिक्षण दिया. डॉक्टरों ने प्लास्टिक एवं बर्न विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में मानव शवों पर प्लास्टिक सर्जरी की बारीकियां सीखी. रेजिडेंट डॉक्टरों को प्लास्टिक सर्जरी की बारिकियों को सिखाने और उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए एम्स के प्लास्टिक एवं बर्न विभाग में मंगलवार को एक विशेष इन-हाउस प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया.
दो दिवसीय इन हाउस कार्यशाला: डॉक्टरों को प्रशिक्षित करने के लिए दो दिवसीय इन-हाउस कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें व्यावहारिक प्रशिक्षण के तहत शवों पर अभ्यास किया गया. विभाग ने कॉस्मेटिक सर्जन और शिक्षक डॉ. संजय पाराशर को इस कार्यक्रम के लिए गेस्ट फैकल्टी के रूप में आमंत्रित किया था. प्लास्टिक सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मनीष सिंघल ने प्लास्टिक सर्जरी के समग्र पाठ्यक्रम में कॉस्मेटिक सर्जरी को शामिल करने के महत्व के बारे में बताया.
उन्होंने बताया कि रेजिडेंसी पूरा करने पर रेसिडेंट डॉक्टरों के लिए प्रैक्टिकल नॉलेज ही महत्वपूर्ण होता है. विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शशांक चौहान ने कहा कि दो दिवसीय गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान, विभिन्न सर्जिकल प्रक्रियाएं आयोजित की गईं, जिसमें महत्वपूर्ण वजन घटाने वाले मरीजों के लिए बॉडी कॉन्टूरिंग सर्जरी (टमी टक) के साथ-साथ राइनोप्लास्टी (नाक) पर ध्यान दिया गया.