नई दिल्ली:दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने साउथ दिल्ली के पुष्पा भवन लेबर ऑफिस का दौरा किया था. जहां पर काफी खामियां मिली थीं और अधिकारियों पर कार्रवाई करने की भी बात डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कही थी.
मनीष सिसोदिया के दौरे के बाद भी नहीं सुधरे हालात. डिप्टी सीएम और श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया के दौरे के दूसरे दिन ईटीवी भारत की टीम ग्राउंड पर पहुंची, तो वहां पर देखा कि हालात जस के तस हैं. लोग सुबह से लाइन में लगे हुए हैं और उनका काम पहले की तरह हो रहा है. हालांकि ग्राउंड रिपोर्टिंग में इतना जरूर पता चला कि जो दलाल कल तक सक्रिय होते थे. वहां पर अब कोई दलाल नहीं है.
500 रुपये देकर होता था काम
इस बारे में जब हमने डिप्टी लेबर कमिश्नर अमरदीप से बातचीत करने की कोशिश की तो उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत करने के लिए साफ-साफ मना कर दिया और जब हमने कुछ लोगों से बातचीत की तो उन लोगों का कहना है कि पहले यहां पर दलाल सक्रिय हुआ करते थे और 500 रुपये देकर उनका काम हो जाता था. जो अपना काम खुद करवाना चाहता था, तो उसे नेटवर्क की समस्या बताकर घर वापस भेज दिया जाता था.
8 महीनों से काट रहे चक्कर
मजदूरी करने वाले एक शख्स ने बताया कि वह लगभग 8 महीनों से लेबर ऑफिस के चक्कर काट रहा है. इसके बावजूद भी उसका काम नहीं हो पा रहा है और सिर्फ उसे अपना श्रमिक कार्ड रिन्यूअल करवाना है. हर बार जब ऑफिस आता है, तो कोई ना कोई खामियां बताकर उसे वापस घर भेज दिया जाता है.
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के दौरे के बाद हालात ज्यादा कुछ तो नहीं बदले हैं. अब सवाल सबसे बड़ा यही उठता है कि दिल्ली के श्रम मंत्रालय जब मनीष सिसोदिया खुद ही संभाल रहे हैं, तो इसके बावजूद अधिकारी और कर्मचारी काम करने के लिए तैयार क्यों नहीं है.