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अगले एक महीने में शुरू हो जाएगा आजादपुर मंडी के शिफ्टिंग का काम - Chaudhary Heera Singh

एशिया की सबसे बड़ी फल और सब्जी मंडी के आजादपुर से विस्थापन का काम अगले महीने से शुरू हो जाएगा. अगले एक महीने में यहां सेब के ट्रक उतरने शुरू हो जाएंगे. बता दें कि मंडी के लिए टिकारी खामपुर में करीब 70 एकड़ जमीन दी गई थी.

Displacement from Azadpur in Fruit and Vegetable Market starts next month
फल और सब्जी मंडी के आजादपुर से विस्थापन का काम अगले महीने से शुरू

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Published : Jul 21, 2020, 3:45 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के विकास और आजादपुर मंडी को लेकर 23 साल पहले सरकार की तरफ से जो प्लानिंग की गई थी, वो अगले एक महीने में टिकरी खामपुर के धरातल पर दिखने लगेगी. दावा किया जा रहा है कि अगले एक महीने में एशिया की सबसे बड़ी फल और सब्जी मंडी के आजादपुर से विस्थापन शुरू हो जाएगा.

फल और सब्जी मंडी के आजादपुर से विस्थापन का काम अगले महीने से शुरू

एक महीने शुरू हो जाएगी सेब की आड़त

हाईकोर्ट के आदेश के बाद आख़िरकार आजादपुर मंडी को टिकारी खामपुर में शिफ्ट करने का काम शुरू हो गया. इसके तहत यहां मंडी के लिए शेड बनने का काम शुरू हो गया है. आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा बताते हैं कि वर्ष 1992 में ये जमीन बूचड़खाने को दी जा रही थी. तब चौधरी हीरा सिंह के नेतृत्व में एक संघर्ष समिति बनी, जिसके करीब 4- 5 साल से कठिन संघर्ष के बाद 1997 में ये जमीन बूचड़खाने के बजाए आजादपुर मंडी को दे दी गई थी. लेकिन अगले 21 सालों तक यहां कोई काम नहीं हुआ. इसे देखकर संघर्ष समिति के तत्कालीन सचिव हरपाल सिंह राणा ने कोर्ट में याचिका लगाई. जिस पर कोर्ट ने इसी साल फ़रवरी में मंडी शिफ्ट करने का आदेश सुनाया. अब मंडी के अधिकारीयों का अनौपचारिक तौर पर कहना है कि अगले एक महीने में यहां सेब के ट्रक उतरने शुरू हो जाएंगे.


78 प्रतिशत फल और सब्जियां चली जाती हैं बाहर

बता दें कि दिल्ली में सब्जी और फलों की बढ़ती मांग को देखते हुए वर्ष 1978 में सब्जी मंडी एरिया से हटाकर मंडी को आजादपुर में शिफ्ट किया गया था. जहां आकर इसने एशिया के सबसे बड़े फल और सब्जी मंडी होने का गौरव प्राप्त किया. इसके बाद ये हर बीतते साल के साथ और घना और व्यस्त होता चला गया. सरकारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016–17 में यहां हर महीने करीब 80 हजार और साल में करीब 10 लाख ट्रक आते थे. लेकिन एक खास बात ये है कि इस मंडी में जितना माल बाहर से आता है. उसका करीब 78 प्रतिशत माल बाहर चला जाता है. लेकिन यहां आने जाने वाले ट्रकों की वजह से दिल्ली में प्रदुषण और ट्रैफिक दोनों ही बढ़ जाता है. इसे देखते हुए एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने मार्बल मार्केट और आजादपुर मंडी समेत 5 अन्य ऐसी बाजारों को दिल्ली से बाहर करने का प्लान बनाया था. इसमें मंडी के लिए टिकारी खामपुर में करीब 70 एकड़ जमीन दी गई थी.

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