नई दिल्ली: महात्मा गांधी के जन्मदिवस पर दिल्ली में कुष्ठ रोगियों के लिए कार्यक्रम करना एक रवायत सी बन गई है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि लेप्रोसी पीड़ितों के लिए सरकार द्वारा बसाई गई ढाई हजार लोगों की कॉलोनी को 27 साल बाद भी न तो नियमित किया जा सका है, और न वहां रहने वालों को मालिकाना हक दिया जा सका है.
लेप्रोसी कालोनी के मुद्दे को समाज कल्याण विभाग के सामने उठाएंगे ईडीएमसी के मेयर हर समय सिर पर लटकती है तलवार
ताहिरपुर इलाके के लेप्रोसी कालोनी में रंग उड़ी दीवार और बिना प्लास्टर के अधबने मकान हैं. यहां के लोग बताते हैं कि वर्ष 1993 में मदनलाल की सरकार में समाज कल्याण विभाग द्वारा यहां कुष्ठ के रोगियों को करीब 2500 मकान दिए गए थे. जिसमें अब दूसरी ओर तीसरी पीढ़ी रह रही है. बीते 27 सालों में पांच सरकारें आईं, लेकिन इन मकानों में रहने वालों को कभी मालिकाना हक देने की सोच भी शुरू नहीं हुई. हद तो ये है कि सरकार द्वारा बसाई गई इस कालोनी को 27 साल बाद भी नियमित का दर्जा नहीं मिला है. जिसकी वजह से यहां नगर निगम विकास के कार्य तो करती नहीं, लेकिन अवैध बता कर इसे तोड़ने कई लोग चले आते हैं.
मेयर ने दिया आश्वासन
गांधी जी के जन्मदिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने जब पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर निर्मल जैन जब ताहिरपुर पहुंचे, तो उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मसले को वो दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग के सामने उठाएंगे.