नई दिल्ली:भारत में तस्करी और वेश्यावृत्ति की शिकायत करने वाली 7 उज़्बेक लड़कियों में से 5 एक निजी आश्रय गृह (Private shelter home) से लापता हो गई है. इसके बाद दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को समन जारी किया है.
उज्बेकिस्तान की सात महिलाओं ने एक अंतरराष्ट्रीय तस्करी और वेश्यावृत्ति रैकेट की शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें नौकरी दिलाने के बहाने भारत लाया गया था, लेकिन जब वे यहां पहुंचीं तो उन्हें वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया गया.
उन्होंने बताया कि उनमें से कुछ को नेपाल के रास्ते दिल्ली लाया गया था और कुछ को अलग-अलग समय पर पर्यटक वीजा और मेडिकल वीजा पर सीधे भारत लाया गया था. लड़कियों ने आरोप लगाया कि उन्हें नेपाल के माध्यम से लाया गया था, उनके पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज नेपाल में ही छीन लिए गए और फिर दिल्ली लाया गया. जबकि अन्य महिलाओं को मेडिकल वीजा पर दिल्ली लाया गया और भारत आने के बाद तस्करों ने उनके पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज छीन लिए.
उन्होंने बताया कि जब वे भारत पहुंचीं तो उन्हें वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया गया और जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो उन्हें धमकाया गया और पीटा गया. कहा गया कि उन्हें पकड़कर जेल में डाल दिया जाएगा. (Uzbek girls become victims of trafficking and sexual abuse in india) उन्होंने कहा कि दिल्ली में रहने के दौरान उन्हें अलग-अलग मालिकों को बेंचा गया और बार-बार बलात्कार किया गया.
आयोग ने इस मामले में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. जिन्होंने बताया कि चाणक्यपुरी थाने में आईपीसी की धारा 365/384/323/506/120बी/370 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी और 3 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया था.
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हालांकि, लड़कियों ने 10 आरोपियों का नाम लिया था और उनमें से 7 को गिरफ्तार करना बाकी था. लड़कियों को अपने देश वापस जाने के लिए अपने दस्तावेजों की सख्त जरूरत थी, लेकिन दिल्ली पुलिस इसकी व्यवस्था करने में असमर्थ रही. साथ ही लड़कियों को एक आश्रय गृह में भेज दिया गया, जहां वे तब से रह रही थीं. अब आयोग को पता चला है कि पिछले कुछ दिनों से शेल्टर होम से 5 लड़कियां गायब हैं.