नई दिल्ली: देशभर में लॉकडाउन पार्ट 2 लागू है और इस बार लॉकडाउन का जिम्मेदारी से पालन कराने के लिए शासन और प्रशासन भी मुस्तैद है. वहीं दूसरी तरफ गरीब और मजदूर तबके के लोगों के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर हंगर हेल्पलाइन भी बनाया गया है. ताकि लॉकडाउन के दौरान लोगों को होने वाली समस्याओं का समाधान किया जा सके. इस हंगर हेल्पलाइन में दिनभर सैंकड़ों कॉल आ रही है. जिसका हंगर हेल्पलाइन पर बैठे कर्मचारी हर संभव समाधान कर रहे हैं. ये खास रिपोर्ट
जिले में चलाई जा रही है हंगर हेल्पलाइन जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में हंगर हेल्पलाइन पर विशेष इंतजाम
विश्व संकट बन चुके कोरोना वायरस ने भारत में भी अपना कहर बरपा रखा है. लगातार कोरोना संक्रमित पीडितों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने देश में लॉकडाउन पार्ट 2.0 लागू कर दिया है. इस लॉकडाउन के दौरान यदि किसी को कोई दिक्कत परेशानी हो रही है, तो वो है मजदूर तबका, जिनके पास इस समय रोजी रोटी का कोई साधन नहीं है. हालांकि दिल्ली सरकार इनके लिए हर संभव सहायता कर रही है.
इसी सहायता के बीच हंगर हेल्पलाइन भी चलाया जा रहा है. जहां पर लोगों को खाने से संबंधित समस्याओं का समाधान दिया जा रहा है. दिल्ली के उत्तर पश्चिम जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में भी ऐसी ही नजारा देखने को मिल रहा है. यहां जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में हंगर हेल्पलाइन पर विशेष इंतजाम किया गया है. जहां ना सिर्फ लोगों की कॉल सुनी जा रही है. बल्कि लोगों को उनका उचित समाधान भी दिया जा रहा है. ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा ना सोए.
दिनभर में 100 से 150 लोगों की कॉल आ जाती है
वीडियो में आप साफ देख सकते हैं कि किस तरह से हंगर हेल्पलाइन पर काम किया जा रहा है. यहां दिन भर लोगों को खाने से संबंधित समस्याओं का समाधान दिया जाता है. इस बाबत जब हमने उत्तर पश्चिम जिला मजिस्ट्रेट संदीप मिश्रा से बात की. उन्होंने बताया कि दिनभर में 100 से 150 लोगों की कॉल आ जाती है और दिल्ली के अलग-अलग जगह से कॉल्स आती है. जिनको फोन पर राशन से संबंधित जानकारी दी जाती है. इस बीच यदि किसी को सूखा राशन जरूरत होती है, तो अपने स्तर पर उसकी व्यवस्था भी की जाती है.
बहरहाल देशभर में जारी लॉकडाउन को लेकर जहां एक ओर हंगर रिलीफ सेंटर चलाए जा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर हंगर हेल्पलाइन भी उन लोगों तक काफी मदद पहुंचा रही है. ताकि इस राष्ट्रीय आपदा के दौर में कोई भी भूखा ना सोए.