नई दिल्ली: एक आरटीआई के जरिए 121 सांसदों के अवैध कारनामे सामने आए हैं. इन सांसदों पर आरोप है कि इन्होंने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए सरकारी बंगलों में तोड़-फोड़ करवाया है. इसका दावा आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा अपने आरटीआई के आधार पर कर रहे हैं.
कई बड़े नेताओं के नाम शामिल
आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा ने बताया कि सांसदों ने अपने बंगलों में सरकारी नियमों के खिलाफ जाकर काफी छेड़छाड़ की है. आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार 2009 से 2014 के बीच 19 केंद्रीय मंत्रियों ने अपने बंगलों में अवैध तरीके से निर्माण कराया. जिसमें UPA 2 सरकार के कई बड़े मंत्रियों के नाम शामिल हैं.
121 सांसदों ने सरकारी बंगलों में करवाया अवैध निर्माण! RTI से बड़ा खुलासा
आरटीआई रिपोर्ट के अनुसार अंबिका सोनी, प्रफुल्ल पटेल, शरद पवार, गुलाम नबी आजाद, कुमारी शैलजा, केपीएस गिल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, श्री प्रकाश जयसवाल, कपिल सिब्बल, सचिन पायलट, कृष्णा तीरथ, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत और भी कई बड़े नेताओं ने अपने बंगलों के अंदर अवैध तरीके से निर्माण करावाया था.
जानकारी के मुताबिक सांसदों को मिलने वाले बंगले में 8 कमरे और एक गैराज के साथ नौकरों के लिए अलग से 4 कमरे होते हैं, लेकिन सांसद इनमें कई बार अपनी सहूलियत के लिए अवैध तरीके से किचन, बेडरूम, डायनिंग रूम, गैराज में तोड़फोड़ कर सरकारी बंगले में बदलाव करते हैं. जबकि सीपीडब्ल्यूडी के अनुसार सांसदों को जो बंगले दिए जाते हैं, उनमें इस तरह के अवैध काम की जरूरत ही नहीं होती है.
UPA सरकार के समय हुए थे ये बदलाव
आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा कहते हैं कि यदि आम जनता अपने घर में सुविधा के हिसाब से अवैध निर्माण कर ले तो सरकारी दस्ता तोड़ने के लिए तुरंत आ जाता है, लेकिन जब सांसदों के घर में अवैध निर्माण किया जाता है तो वह न तो सरकार को और न ही संबंधित एजेंसियों को दिखाई देता है.
हरपाल राणा ने कहा कि क्योंकि यह सांसदों के बंगले हैं और जो अपने लिए कानून न बना कर देश की जनता के लिए कानून बनाते हैं. जबकि देश में कानून सभी के लिए एक समान होता है.
उन्होंने बताया कि यह जानकारी 2010 में सरकार की ओर से उन्हें दी गई, जिसमें 121 सांसदों के नाम है, लेकिन अभी तक एक बार भी उनपर कार्रवाई नहीं हुई. जबकि सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए कहा था कि सांसदों के बंगलों में किए गए अवैध निर्माण को 3 महीने के अंदर तोड़ा जाएगा.
हरपाल राणा ने कहा कि हो सकता है, सांसद जनता के पैसे से ही अपने बंगले में अवैध निर्माण करा रहे हों? इसकी जांच होनी चाहिए. क्योंकि जनता का पैसा देश को मजबूत करने के लिए होता है, ना कि सांसदों के बंगलों के अवैध निर्माण के लिए.