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मुबारकपुर में शहीदों को किया याद, सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

शहीद दिवस के अवसर पर दिल्ली के मुबारक पुर में शहीदों को नमन करते हुए एक सामाजिक संस्था द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के माध्यम से आज की युवा पीढ़ी को इन शहीदों की शौर्यगथा का संदेश पहुंचाने का प्रयास किया गया. कार्यक्रम में प्रसिद्ध वक्ता डॉ. एपी सिंह मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित हुए. उन्होंने संस्था के इस प्रयास की सराहना करते हुए कार्यक्रम में उपस्थित तमाम युवाओं को इन शहीदों से सीख लेने पर विशेष जोर दिया.

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Published : Mar 23, 2023, 8:25 PM IST

मुबारकपुर में शहीदों को किया याद

नई दिल्ली: देशभर में गुरुवार को शहीदी दिवस का पर्व मनाया जा रहा है. देश की स्वतंत्रता में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के मकसद दिल्ली के अलग अलग इलाकों में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. कुछ ऐसा ही नजारा दिल्ली के किराड़ी इलाके में भी देखने को मिला, जहां एंटी क्राइम ऑर्गनाइजेशन के तत्वाधान में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध वकील डॉ. ए.पी सिंह मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित हुए. शहीद जवानों को नमन करते हुए उन्हें पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई. कार्यक्रम में आस पास के बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों उपस्थित हुए.

इस मौके पर बच्चों से लेकर युवाओं ने कई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए और अपनी प्रस्तुति के माध्यम से शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए लोगों के बीच एक संदेश देने का प्रयास किया गया. लड़कियों ने अपनी प्रस्तुति के जरिए समाज में बेटा-बेटी एक समान का संदेश देने का भरसक प्रयास किया. कार्यक्रम के दौरान समाज में अपनी उत्कृष्ठ भूमिका निभाने वाले लोगों को सम्मानित किया गया.

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इस मौके पर तमाम वक्ताओं ने आजादी के इस दिन को शहीद जवानों को समर्पित किया. डॉ. एपी सिंह ने कहा कि आज के युवाओं को शहीदों की शौर्यगाथा से सीख देना ऐसे कार्यक्रमों का एकमात्र मकसद होता है. इस मौके पर संस्था के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि आज के समय में समाज में काम कर रही तमाम सामाजिक संस्थाओं का प्रयास सराहनीय है.

गौरतलब है कि 23 मार्च 1931 को आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाले तीन स्वत्रंता सेनानियों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को उस समय की ब्रिटिश सरकार ने फांसी दे दी थी. 23 मार्च के दिन को देश में शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है. देश की आजादी की लड़ाई में इन महान स्वंतत्रता सेनानियों के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता. इनकी शौर्यगाथा और मातृभूमि की आजादी के प्रति साहस आज सभी युवाओं को प्रेरित करने का काम करता है.

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