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दिल्ली के गांव जल्द बनेंगे शहर, लैंड पूलिंग पॉलिसी पर काम शुरू

पिछले 10 साल से ज्यादा वक्त से लैंड पूलिंग पॉलिसी अधर में लटकी हुई थी. साल 2018 में लैंड पूलिंग पॉलिसी पर तेजी से काम हुआ और कुछ संशोधनों के साथ दिल्ली में लैंड पूलिंग पॉलिसी लागू कर दी गई

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Published : May 20, 2019, 8:30 AM IST

लैंड पूलिंग पॉलिसी पर काम शुरू

नई दिल्ली: जल्द ही राजधानी दिल्ली के देहात इलाकों में भी शहर की सारी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. दिल्ली विकास प्राधिकरण दिल्ली के गांवों को शहर बनाने की प्रक्रिया जल्द शुरू करेगा.

लैंड पूलिंग पॉलिसी पर काम शुरू

दिल्ली में पिछले 10 साल से ज्यादा वक्त से लैंड पूलिंग पॉलिसी अधर में लटकी हुई थी. साल 2018 में लैंड पूलिंग पॉलिसी पर तेजी से काम हुआ और कुछ संशोधनों के साथ दिल्ली में लैंड पूलिंग पॉलिसी लागू कर दी गई. जिसके तहत जमीन मालिक अपनी जमीन को किसी बिल्डर के माध्यम से या खुद डीडीए में अपनी जमीन पूलिंग पॉलिसी के लिए डाल सकते हैं.

क्या है लैंड पूलिंग पॉलिसी?
साल 2018 से लैंड पूलिंग पॉलिसी पर सरकार कुछ संशोधनों के साथ तेजी से काम कर रही है. जिसके बाद पूरी दिल्ली में यह पॉलिसी लागू की गई. दिल्ली में जिन लोगों के पास अपनी ज़मीन है, वह डीडीए से मिलकर लैंड पूलिंग स्कीम के तहत रजिस्टर हो सकते हैं और जमीन पर फ्लैट बनाकर बेच सकते हैं.

एक सेक्टर के लिए 70% जमीन का होना जरूरी है. न्यूनतम 2 हेक्टेयर ज़मीन इस स्कीम के तहत किसान के पास होनी चाहिए. एक सेक्टर के लिए कम से कम 250 से लेकर 400 हेक्टेयर ज़मीन का होना जरूरी है. इस पूरी प्रक्रिया के लिए नियम व गाइडलाइन डीडीए जारी करेगी.

बाहरी दिल्ली में बनेंगे सबसे ज्यादा फ्लैट
दिल्ली में बड़े स्तर पर सोसायटी और फ्लैट बनने का सिलसिला शुरू हो जाएगा. पहले ही इस पॉलिसी के नाम पर 110 सोसाइटी में बुकिंग हो चुकी है.

अब ऐसे में यह सिलसिला और रफ्तार पकड़ेगा ओर बाजार में प्रतियोगिता बढ़ने से फ्लैट के साइज भी कम होंगे. सबसे अधिक फ्लैट बाहरी दिल्ली के इलाके में बनने की संभावना जताई जा रही है.

लैंड पूलिंग पॉलिसी पहले से ही नोटिफाई हो चुकी है, बोर्ड बैठक में मंजूरी के बाद यह फाइल अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री के पास है. जांच के बाद पॉलिसी का गजट नोटिफिकेशन होगा इसके बाद पॉलिसी के तहत लोग अप्लाई कर सकेंगे.

पानी और बिजली बड़ी चुनौती
जांच के बाद डीडीए मंजूरी देगा तब जाकर दिल्ली में मकान बनने शुरू होंगे. पॉलिसी की सबसे बड़ी चुनौती पानी और बिजली की होगी. इतने बड़े स्तर पर लाखों घरों के लिए पानी का इंतजाम दिल्ली के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी.

डीडीए ने दिल्ली को कई जोन में बांटा है और यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन जोन के अंदर सेक्टर बनाए गए हैं. किसी भी सेक्टर में 70% जमीन मालिक आवेदन करेंगे. ग्रीन बेल्ट पॉलिसी के तहत जो लैंड पूलिंग पॉलिसी होगी उसमें ग्रीन बेल्ट के गांवों में बहुमंजिला बिल्डिंग बिल्डर नहीं बना पाएंगे.

जिन गांवों की सीमा दूसरे राज्यों से मिलती है वे गांव लैंड पुल्लिंग पॉलिसी में शामिल नहीं किए जाएंगे. ग्रीन बेल्ट में केवल फार्म हाउस ही बनाए जा सकते हैं. उनके लिए कम से कम 1 एकड़ जमीन का होना अनिवार्य है.

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