नई दिल्ली:दिल्ली के मुखर्जी नगर स्थित सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट को डीडीए ने 30 नवंबर तक खाली करने के लिए नोटिस जारी किया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने डीडीए के इस नोटिस पर अब स्टे लगा दिया है और मामले पर डीडीए से चार हफ्ते में जवाब मांगा है. वहीं अब इस अपार्टमेंट को खाली करने में लंबा वक्त लगा सकता है, जिसका असर उन लोगों पर पड़ेगा जो फ्लैट खाली कर चुके हैं और डीडीए के लापरवाह रवैये के चलते किराए के मकान में रहकर किराया और लोन दोनों दे रहे हैं और आर्थिक रूप से परेशान हो रहे हैं.
डीडीए से मिले नोटिस के बाद हाईकोर्ट का स्टे:डीडीए की ओर से अपार्टमेंट को खाली करने के लिए नोटिस दिया गया था, ताकि डीडीए अपार्टमेंट की बिजली और पानी का कनेक्शन काटकर अपना काम जल्द शुरू कर सके. मुखर्जी नगर स्थित सिगनेचर व्यू अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों ने बताया कि डीडीए से मिले नोटिस के बाद लोगों ने कोर्ट का रुख किया और कहा कि डीडीए मरम्मत की जगह अपनी आमदनी बढ़ाने में जुटा है .
168 फ्लैट ज्यादा बनाने पर विवाद: लोगों की मांग पर कोर्ट ने डीडीए के नोटिस पर स्टे लगा दिया है. लोगों ने कोर्ट में बताया कि डीडीए पैसा कमाने के लिए मरम्मत के साथ सिगनेचर व्यू अपार्टमेंट में 168 फ्लैट ज्यादा बना रहा है. पहले यहां पर 336 फ्लैट बने हुए थे. जबकि डीडीए नियमों को ताक पर रखकर 168 अतिरिक्त फ्लैट बन रहा है, जो नियम के खिलाफ है और उससे सभी को परेशानी होगी.
हस्तक्षेप से डीडीए मरम्मत के लिए तैयार:सिगनेचर व्यू अपार्टमेंट आरडब्लूए के पदाधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के दखल के बाद डीडीए इस खराब बिल्डिंग को दोबारा बनाने के लिए तैयार हुआ है. इन सब के बावजूद अभी तक डीडीए की ओर से लोगों को स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है की फ्लैट मालिकों को किराया कब से मिलना शुरू होगा. सिगनेचर व्यू अपार्टमेंट में कुल 12 टावर हैं, जिनमें 336 परिवार रह रहे हैं.