नई दिल्ली: उत्तरी पश्चिमी दिल्ली के नेताजी सुभाष पैलेस थाने की पुलिस आवासीय कॉलोनी में रहने वाले सुशील कुमार दिल्ली पुलिस में MTS के पद पर तैनात हैं और उनकी दो बेटियां हैं. बड़ी बेटी माही 7 साल की है, जिसे Mucopolysaccharidosis IV A ( MPS, IV A) एंजाइम डिसऑर्डर नामक गंभीर बीमारी है.जिसकी वजह से बच्चे का शारीरिक विकास नहीं हो पा रहा है, पिता बच्ची के इलाज के लिए 5 सालों से दर बदर की ठोकरें खा रहे हैं.
फिलहाल बच्चे का एम्स अस्पताल में इलाज चल रहा है, जिसका सालाना खर्च करीब ढाई करोड़ रुपए है. इस सब के बावजूद लाचार व मजबूर पिता मासूम बच्ची के इलाज के लिए पैसे जुटाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अभी तक करीब डेढ़ से दो लाख रुपये का ही जुगाड़ हो पाया है. बाकी के लिए अपने स्तर पर ह्यूमन फंडिंग की कौशिश की जा रही है. जिसके लिए उन्होंने अपना बैंक खाता नम्बर जारी कर प्रधानमंत्री, फ़िल्म अभिनेता सोनू सूद, पुलिस अधिकारियों व दिल्ली पुलिस कमिश्नर से भी गुहार लगाई है.
लाचार पिता ने प्रधानमंत्री से लेकर सोनू सूद तक से लगाई मदद की गुहार ईटीवी भारत से बात करते हुए बच्चे के पिता ने नम आंखों से बताया कि उनकी बड़ी बेटी माही शालीमार बाग के केंद्रीय विद्यालय में सेकंड क्लास में पढ़ती है और वह MPS IV A एंजाइम डिसऑर्डर नामक गंभीर बीमारी से ग्रसित है. उसके शरीर का आकार टेढ़ा मेढ़ा हो गया है, जिसकी वजह से बच्ची को लेकर दंपत्ति तनाव में हैं. बच्चे के इलाज के लिए उन्होंने कई अस्पतालों के चक्कर लगाए और अब एम्स अस्पताल में बच्ची का इलाज चल रहा है.
क्राउड फंडिंग से पैसे जुटाने की कोशिश में जुटे पिता इस बीमारी में बच्चे का मानसिक विकास तो होता है लेकिन शारीरिक विकास नहीं हो पाता, साथ ही बीमारी का असर पूरे शरीर पर पड़ता है और कुछ हो सकता है, बच्ची को दो बार अटैक भी आ चुका है. अस्पताल में जाने पर सुशील कुमार को डॉक्टर ने बताया कि इस गंभीर बीमारी के इलाज के लिए ऑस्ट्रेलिया, जापान व ब्राजील जैसे देश मिलकर दवाई बना रहे हैं और यह घातक बीमारी लाखों बच्चों में किसी एक में पाई जाती है. बीमारी का इलाज काफी महंगा है और हर साल करोड़ों रुपए की इलाज के लिए जरूरत पड़ती है.
लाचार और मजबूर पिता दिल्ली पुलिस में MTS (चपरासी ) के पद पर पुलिस मुख्यालय में तैनात हैं. आमदनी भी इतनी नहीं है कि वह बच्ची के इलाज के लिए कुछ पैसे जुटा सकें. हालांकि बच्ची के इलाज के लिए पिता ने अपने पुलिस अधिकारियों से लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व फिल्म अभिनेता सोनू सूद सभी से गुहार लगा रहे हैं. दिल्ली पुलिस प्रशासन की ओर से बच्ची के इलाज के लिए एक लाख रुपये लोन भी मिला है, लेकिन वह ढाई करोड रुपए के इलाज की रकम के सामने नाकाफी है.
बच्ची के पिता तो सभी से गुहार लगा रहे हैं ओर अपने स्तर पर पैसों का जुगाड़ करने में दिन रात किये हुए है. साथ ही 7 साल की मासूम बच्ची माही जिसे यह भी नहीं मालूम कि उसे क्या बीमारी है और वह भी अपने इलाज के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगा रही है कि उसका इलाज कराया जाए.बच्ची बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती है, उसका भी सपना है कि वह अपने परिवार के साथ रहे और बड़ी होकर डॉक्टर बने.इस सबके बावजूद अभी तक कहीं से आस की किरण नहीं आई है. केवल पुलिस अधिकारियों की ओर से उन्हें इलाज के लिए आश्वासन मिला है. वह दिन रात इंतजार कर रहे हैं कि पुलिस प्रशासन की ओर से बच्ची का इलाज के लिए रकम मिले और वह अपनी बच्ची का इलाज करा सके लेकिन उनके सामने समस्या यह है कि बच्ची का इलाज लंबा चलेगा और हर साल करीब ढाई करोड़ रुपए की जरूरत पड़ेगी.
अब परेशान ओर लाचार पिता अपनी मासूम बच्ची के इलाज के लिए सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से फंड जुटाने की कोशिश में लगा हुआ है. उन्होंने पर्चे भी छपवाए हुए हैं, जिस पर अपना अकाउंट नंबर भी दिया हुआ है, ताकि बच्चे के इलाज के लिए पैसे का जुगाड़ हो सके. बच्ची के पिता लोगों से भी गुहार लगा रहे हैं कि वह अपने छोटे से प्रयास से मासूम की मदद कर सकते हैं. जिसके लिए उनका एकाउंट एक्सिस बैंक में है और एकाउंट नंबर 120010100662147 है और जिसका IFSC Code UTI B0003330 है. खाता धारक का नाम सुशील कुमार है, साथ ही phon pay नम्बर 9625323147 है.
लाचार पिता को बच्ची के इलाज के लिए उम्मीद है कि पब्लिक फंडिंग उनके लिए सहायक साबित होगी. यदि लोग अपनी जेब से छोटी सी राशि को उनके बैंक अकाउंट में डालेंगे जो उनके लिए काफी बड़ी और फायदेमंद होगी. साथ प्रधानमंत्री कार्यालय, फिल्म अभिनेता सोनू सूद व दिल्ली पुलिस प्रशासन की ओर से बच्ची को अब इलाज के लिए किस तरह की मदद मिल पाती है.