साले ने किया भांजे का अपहरण नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की टीम ने 7 साल के नाबालिग को अपहरणकर्ताओं के चुंगल से छुड़ा लिया. इस मामले में तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है. पुलिस जांच के दौरान पता चला कि बच्चे की किडनैपिंग मामले में उसका मामा ही मास्टरमाइंड था, जिसने अपने जीजा के काम में ज्यादा पैसे आते देख भांजे की अपहरण की साजिश रची. उसने इस काम के लिए अन्य दो आरोपियों को भी अपने साथ शामिल किया था.
उत्तरी दिल्ली के डीसीपी मनोज कुमार मीणा ने बताया कि शास्त्री नगर इलाके में रहने वाले सुनील कुमार ने पुलिस को जानकारी दी कि उनका 7 साल का बेटा किडनैप कर लिया गया है. उन्हें फिरौती के लिए अलग-अलग नंबर से फोन आ रहे हैं. आरोपियों ने 3 लाख रुपए की फिरौती झंडेवालन मंदिर के पास लेकर आने के लिए कहा है. पुलिस ने किडनैपिंग का मामला दर्ज कर जांच शुरू की. शिकायतकर्ता ने पुलिस को दो फोन नंबर भी दिए, जिनसे फिरौती के लिए फोन आ रहे थे.
पुलिस ने फोन नंबर, टेक्निकल सर्विलांस और गली में लगे सीसीटीवी के आधार पर मामले की जांच-पड़ताल शुरू की. वहीं, आरोपी मामा भी पुलिस के साथ बच्चे को ढूंढने में मदद कर रहा था. साथ ही वह पुलिस की हर खबर की जानकारी आरोपियों को लगातार दे रहा था. टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पुलिस को पता चला कि आरोपी करोल बाग के आसपास है. तभी पुलिस को करोल बाग के चाय की छोटी दुकान पर दो लोगों को एक छोटे बच्चे के साथ फोन पर लगातार किसी से बात करते हुए देखा. पुलिस को शक हुआ और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
पूछताछ की दोनों आरोपियों ने बताया कि उनके तीसरे साथी ने पैसों के लिए बच्चे का अपरहण किया. आरोपियों ने अपना नाम सुनील पाल और दीपक बताया, साथ ही आरोपी ने खुलासा किया कि बच्चे की किडनैपिंग में उनका तीसरा साथी बच्चे का मामा भी उनके साथ है. पुलिस ने अपरहण मामले के तीसरे आरोपी विकास को भी गिरफ्तार कर लिया. तीनों ही दिल्ली के रहने वाले है.
डीसीपी ने बताया कि दोनों आरोपी जोमैटो में काम करते हैं. बच्चे का पिता सुनील भी पहले जोमैटो में काम कर रहा था. बाद में उसने अपना काम बदल लिया और उसे ज्यादा फायदा होने लगा. बच्चे के मामा ने घर में ज्यादा पैसे आते देख अपने भांजे के अपहरण की साजिश रची. फिलहाल, पुलिस ने अपहरणकर्ताओं के चुंगल से छुड़ा बच्चे को परिजनों को सौंप दिया है.