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22 दिन बाद भी भलस्वा लैंडफिल साइट ज्वालामुखी की तरह सुलग रहा है, हादसा हुआ तो भाजपा जिम्मेदार : संजीव झा - Delhi government spokesperson Sanjeev Jha

दिल्ली का भलस्वा लैंडफिल साइट धीरे-धीरे सुलग लग रहा है. दिल्ली वासियों का आरोप है कि आग बुझाने के पुख्ता इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं. 22 दिनों बाद भी लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है.

भलस्वा लैंडफिल साइट ज्वालामुखी
भलस्वा लैंडफिल साइट ज्वालामुखी

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Published : May 19, 2022, 10:19 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के भलस्वा लैंडफिल साइट पर बीते 26 अप्रैल को गैस के रिसाव से आग लगी थी. आग करीब 22 दिन बीत जाने के बाद भी लैंडफिल साइट धीरे-धीरे सुलग लग रही है. इलाके के लोगों का आरोप है कि आग बुझाने के पुख्ता इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं. अब भलस्वा लैंडफिल साइट के आसपास दमकल की गाड़ियां भी नहीं खड़ी हैं. जो समय रहते आग पर काबू पाने के लिए पानी का छिड़काव कर सकें.

ईटीवी भारत से बात करते हुए भलस्वा इलाके में रहने वाले लोगों ने बताया कि भलस्वा लैंडफिल साइट पर 26 अप्रैल को आग लगने के बाद अभी तक खत्ता धीरे-धीरे ज्वालामुखी की तरह सुलग रहा है. खत्ते में कब बड़ा ब्लास्ट हो जाए, किसी को इसका अंदाजा नहीं है. भारी मात्रा में गैस का रिसाव होगा तो ब्लास्ट होगा और आसपास रहने वाले हजारों लोग इसकी चपेट में आ जाएंगे. फिलहाल दिल्ली सरकार व नगर निगम ने आग बुझाने के पुख्ता इंतजाम नहीं किए हैं. पहले यहां पर दमकल की गाड़ियां भी खड़ी थीं, लेकिन अब गाड़ियां भी नहीं हैं. जिससे लोगों में डर बना हुआ है.

भलस्वा लैंडफिल साइट ज्वालामुखी
लोगों ने बताया कि लगातार 22 दिनों बाद भी लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है. घरों में पंखा चलाते हुए जहरीला धुंआ घरों में घुसता है. जिससे लोगों का दम घुट रहा है. जब भी तेज हवा चलती है तो यह धुआं इलाके के हजारों लोगों को प्रभावित करता है. इलाके में रहने वाले बीमार लोगों को सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही है. आग लगने के बाद भलस्वा लैंडफिल साइट के आसपास के इलाके का तापमान भी काफी बढ़ा हुआ है. लैंडफिल साइट की जद में लाखों लोग रहते हैं और करीब 2 किलो मीटर का इलाका इससे प्रभावित हो रहा है.दिल्ली सरकार के प्रवक्ता संजीव झा ने भाजपा पर सवाल उठाते हुए कहा कि साल 2017 के नगर निगम के चुनाव में दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी थे. उस समय भाजपा के मैनिफेस्टो में पहला एजेंडा भलस्वा लैंडफिल साइट को खत्म करना था, लेकिन सालों बाद भी इसे खत्म नहीं किया जा सका है. अब आए दिन आग लगने की समस्या लोगों के सामने आ रही है. जिससे इलाके के लोगों का दम घुट रहा है. दरअसल लैंडफिल साइट पर आग लगने के बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने दौरा किया और दिल्ली नगर निगम पर 50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया. उसके बावजूद साइट पर दिल्ली नगर निगम और भाजपा द्वारा कोई काम होता दिखाई नहीं दे रहा है. भलस्वा लैंडफिल साइट ज्वालामुखी की तरह धीरे-धीरे सुलग रहा है. किस दिन यहां पर बड़ा विस्फोट हो जाए उसकी कोई गारंटी नहीं है. इसकी जद में हजारों लोग आएंगे. वहीं केंद्र सरकार और नगर निगम में बैठे भाजपा के लोग कुंभकरण की नींद सोए हुए हैं. यह भाजपा का निकम्मापन है कि लोगों की समस्या पर उनका ध्यान नहीं है. दिल्ली सरकार ने भी कई बार प्रधानमंत्री व संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ पत्राचार किया. उसके बावजूद कोई समाधान होता दिखाई नहीं दे रहा है. अगर कोई हादसा होता है तो उसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर भाजपा की होगी. पहले गाजीपुर लैंडफिल साइट पर भी मीथेन गैस के रिसाव से बड़ा ब्लास्ट हो चुका है. अगर इसी तरह का ब्लास्ट यहां पर होता है तो हजारों लोगों का जीवन प्रभावित होगा.

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