दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

रोजगार पर पड़ा किसान आंदोलन का असर, ऑटो चालकों को हो रही सबसे ज्यादा परेशानी - किसान आंदोलन का असर ऑटो चालक

किसान आंदोलन को दिल्ली के बॉडरों पर चलते हुए 2 महीनों से ज्यादा का समय हो गया है. ऐसे में इस आंदोलन का असर लोगों के रोजगार पर पड़ रहा है. ऐसा ही हाल ऑटो चालकों का है. उन्हें अब सवारी ही नहीं मिल रही हैं. कई बार उन्हें खाली हाथ ही घर लौटना पड़ता है.

auto drivers in delhi are not getting passengers due to kisan andolan
ऑटो चालकों पर पड़ा किसान आंदोलन का असर

By

Published : Jan 31, 2021, 10:35 PM IST

नई दिल्ली:दिल्ली के बॉर्डर पर 2 महीने से ज्यादा किसान आंदोलन को चलते हुए हो गए हैं और किसान अभी भी सरकार के सामने अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं. इस आंदोलन का असर छोटे छोटे लोगों के रोजगार पर पड़ रहा है, ऑटो चालकों पर आंदोलन की मार सबसे ज्यादा पड़ी है. सिंघु बॉर्डर से हरियाणा और दिल्ली के रास्ते ऑटो चालक सवारियां लेकर आते जाते हैं, लेकिन आंदोलन के चलते ना तो यह दिल्ली में आ रहे हैं और ना ही दिल्ली से हरियाणा जा पा रहे हैं.

ऑटो चालकों पर पड़ा किसान आंदोलन का असर

लोगों के रोजगार पर पड़ रहा असर
ऑटो चालकों का कहना है कि सिंघु बॉर्डर पर पहले दिल्ली और हरियाणा आने जाने के लिए सवारी मिल जाती थी, लेकिन अब धीरे-धीरे यह 2 किलोमीटर से ज्यादा चलकर नरेला इलाके में पहुंच गए, लेकिन यहां पर सवार नहीं मिल रही हैं. कुछ सवारियों के पास तो पैसे ही नहीं होते और ऑटो वाले खुद भी मजबूर हैं कि अब क्या करें. सवारियां नही मिलने के कारण कई बार खाली हाथ भी जाना पड़ता है. जिसके चलते ऑटो चालक आंदोलनकारी किसानों को हैवान तक बता रहे है. इस आंदोलन से केवल ऑटो चालक ही नहीं कई छोटे छोटे दुकानदार भी प्रभावित हुए हैं. सभी के काम पर आंदोलन का असर पड़ा है और अब लोग सरकार से मांग कर रहे आंदोलन को खुलवाया जाए, जिससे लोगों के रोजगार दोबारा पटरी पर आ सके.

खाली हाथ भी जाते घर
नरेला इलाके में रामदेव चौक के पास बस टर्मिनल बना हुआ है. सवारिया बस में जाना पसंद करती है क्योंकि ऑटो का किराया बस के हिसाब से ज्यादा है. जब ऑटो का किराया ज्यादा होगा तो सवारिया बस में ही जाना पसंद करेंगी और ऑटो वालों की मजबूरी है कि उनका खर्चा नहीं निकल पा रहा है. इन लोगों की मांग है कि सरकार गरीब लोगों की ओर देखते हुए आंदोलन को खत्म कराने के लिए काम करें, नहीं तो ऑटो चालकों के सामने भूखे मरने के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं रहेगा.

ये भी पढ़ें:-गणतंत्र दिवस हिंसा : पुलिस ने किसान नेताओं समेत 50 लोगों को नोटिस भेजा

कोई भी झुकने को तैयार नहीं
हालात देखने से लग रहा है कि आंदोलन अब जल्दी खत्म नहीं होगा क्योंकि सरकार और किसानों के बीच में पूरी तरह से ठन चुकी है. दोनों एक दूसरे के सामने झुकने को तैयार नहीं है, जिसका असर गरीब लोगों के रोजगार पर पड़ रहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details