नई दिल्लीःदिल्ली हाईकोर्ट ने गौतम नवलखा को राहत देने के फैसले के अवमानना मामले में लेखक आनंद रंगनाथन के खिलाफ चल रही कार्रवाई बंद कर दी. बुधवार को जस्टिस सुरेश कैत ने अवमानना कार्यवाही बंद करने का आदेश दिया. कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि इस मामले में तमिल राजनीतिक साप्ताहिक तुगलक, आरएसएस विचारक एस गुरुमूर्ति और फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री को बरी किया जा चुका है.
गुरुमूर्ति को 2019 में बरी किया गया था, जबकि विवेक अग्निहोत्री को 2023 में बरी किया गया. दोनों ने कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी थी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया था. कोर्ट ने कहा कि रंगनाथन इस मामले में असली मानहानिकर्ता नहीं थे, बल्कि उन्होंने ट्वीट करने वाले के पक्ष में केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन किया था.
रंगनाथन ने अपने हलफनामा में कहा था कि उन्होंने गुरुमूर्ति के ट्वीट का समर्थन नहीं किया था. कोर्ट ने इस मामले में स्वराज्य मैग्जीन को भी बरी कर दिया. मैग्जीन ने भी हलफनामा दायर कर बिना शर्त माफी मांगी थी. दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट के तत्कालीन जज जस्टिस मुरलीधर की बेंच से गौतम नवलखा को राहत दी थी. इस पर गुरुमूर्ति ने अपने ट्वीट में गौतम नवलखा के ट्रांजिट रिमांड के आदेश को निरस्त करने के जस्टिस मुरलीधर के आदेश का जिक्र किया था.