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दिल्ली में पुलिस स्मृति दिवस पर शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि - Commemoration Day in Delhi

दिल्ली में पुलिस स्मृति दिवस के मौके केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 103 वीं बटालियन की ओर से शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. उत्तर पूर्वी दिल्ली के वजीराबाद स्थित पुस्ता रोड स्थित सीआरपीएफ बटालियन परिसर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

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Published : Oct 21, 2022, 7:00 PM IST

नई दिल्ली :पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर उत्तर पूर्वी दिल्ली में सीआरपीएफ बटालियन की ओर से शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. देश भर में 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है. वर्ष 1959 में 21 अक्टूबर को सीआरपीएफ के 10 जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी. सीआरपीएफ 103 बटालियन के कमांडेंट ने शहीदों को नमन करते हुए पुष्प अर्पित किए.

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पूरे भारत में 21 अक्टूबर को मनाया जाता है पुलिस स्मृति दिवस : राजधानी दिल्ली समेत पूरे भारत में 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर शहीदों को स्मरण करते हुए उनके द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान के प्रति उनको अंतर्मन से श्रद्धांजलि अर्पित की गई. इसी कड़ी में उत्तर पूर्वी दिल्ली के वजीराबाद स्थित पुस्ता रोड पर सीआरपीएफ बटालियन परिसर में पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. सीआरपीएफ के कमांडेंट धर्मेंद्र सिंह ने पुष्प अर्पित कर शहीदों को नमन किया और श्रद्धांजलि देकर 2 मिनट का मौन रखा गया.

पुलिस स्मृति दिवस पर शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि


लद्दाख में चीनी सेना से लड़ते शहीद हुए थे सीआरपीएफ के 10 जवान :कमांडेंट धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि 1959 में आज ही के दिन सीआरपीएफ की तीसरी बटालियन की एकमात्र कंपनी के 21 जवानों के गश्ती दल ने हॉट स्प्रिंग लद्दाख में चीनी सेना के एक बहुत बड़े दस्ते के आक्रमण को विफल किया था. मातृभूमि की रक्षा करते हुए बटालियन के 10 वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी. हमारे बल के लिए यह गौरव की बात है कि हमारे इन निर्भीक और पराक्रमी जवानों के बलिदान को राष्ट्रीय स्तर पर पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह बल बहादुरों का बल है जिन्होंने समय-समय पर अपनी वीरगाथा से बल के इतिहास और वर्तमान को समृद्ध किया है. हमारा यह विशाल बल बहती नदी के समान हैं जो अपने पथ पर आने वाली हजारों बाधाओं को बिना रुके पार करते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता रहता है. ऐसे वीर शहीदों के समर्पण भाव और वीरता को शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता. उनकी वीरता, सेवा और त्याग की भावना हमें सदैव प्रेरणा देती रहेगी.

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