नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी जिले के शिव विहार इलाके में हुई हिंसा के दौरान बलवाइयों ने शिव विहार तिराहे पर मौजूद DRP कांवेंट स्कूल को भी अपना शिकार बना लिया था. पड़ोस की बिल्डिंग से रस्सी के सहारे स्कूल में उतरे सैंकड़ों दंगाइयों ने स्कूल में लूटपाट की वारदात के बाद आग के हवाले कर दिया.
शिव विहार दंगों में स्कूल जलकर खाक गनीमत रही कि दिल को दहला देने वाले इस अग्निकांड में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ. लेकिन स्कूल की सभी क्लासों को जरूर जलाकर खाक कर दिया गया. पूरा सप्ताह गुजरने के बाद आज तक स्कूल प्रशासन को न्याय के साथ ही सरकार से मिलने वाली सहायता राशि का भी इंतजार है.
हिंसा प्रभावित शिव विहार इलाके में मौजूद DRP कांवेंट स्कूल भी दंगाइयों के हमले का शिकार बना. हंगामा कर रही भीड़ से दर्जनों लोग बगल की बिल्डिंग से रस्सी के सहारे न केवल स्कूल में कूद गए, बल्कि लूटपाट के बाद एक-एक करके स्कूल के सभी कमरों को आग के हवाले कर दिया.
इस वारदात के समय स्कूल परिसर में मौजूद केयर टेकर ने स्कूल के पिछले हिस्से से गली में कूदकर अपनी और परिवार की जान बचाई. एक सप्ताह बाद स्कूल में हुई हैवानियत के निशान आज भी बाकी हैं. हालांकि स्कूल प्रशासन ने स्कूल को संवारने का काम शुरू कर दिया है. आज भी आसपास के लोग स्कूल को देखने के लिए पहुंच रहे हैं.
प्रशासन ने अब तक नहीं किया स्कूल का दौरा
स्कूल प्रशासन की मानें तो हिंसा की इस वारदात को हुए भले ही एक सप्ताह हो गया. लेकिन मदद के बड़े-बड़े दावे करने वाली दिल्ली सरकार और उससे जुड़े किसी भी प्रशासनिक अफसर ने आज तक भी इस स्कूल की सुध लेने की जहमत नहीं उठाई. नतीजा यह है कि स्कूल मैनेजमेंट ने बुरी तरह से आगजनी का शिकार बने स्कूल को ठीक कराने का काम शुरु कर दिया है.
कभी न भुला पाने वाला जख्म दे गई हिंसा
शिव विहार तिराहे के पास मौजूद DRP स्कूल में हुई आगजनी स्कूल मैनेजमेंट को जल्द न भरने वाला जख्म दे गई. दरअसल आगजनी की वारदात से पहले स्कूल में उतरे दंगाइयों ने पहले तो वहां रखे लैपटॉप, कम्प्यूटर और जरूरी सामान लूट लिया और फिर दो मंजिल बने इए कॉन्वेंट स्कूल की सभी क्लासों को आग के हवाले कर दिया.
स्कूल प्रबंधन के धर्मेश शर्मा ने बताया कि स्कूल का रखरखाव जरूर कराया जा सकता है. लेकिन स्कूल के बच्चों द्वारा प्रतियोगिताओं में जीते जाने वाले पुरुस्कार, ट्रॉफियां और सारा रिकॉर्ड भी जलकर खाक हो गया. ऐसे में यह सबकुछ जुटा पाना नामुमकिन है.
स्कूल को शिक्षा का मंदिर कहा जाता हैं और यही मंदिर हमें सिखाता है कि कैसे जीवन में सही और गलत का चयन किया जाए. असल में स्कूल में मिलने वाली शिक्षा ही हमें धर्मों से ऊपर उठकर जीवन को जीने का सलीका भी सिखाती है. जिस ढंग से दंगाइयों ने इस स्कूल को आगजनी का शिकार बनाया उससे यह बात तो साफ जाहिर है कि बलवाइयों का शिक्षा और स्कूल से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं रह होगा.