नई दिल्ली:गुरु पूर्णिमा पर स्नान की परंपरा सदियों से चली आ रही है, लेकिन सरकार लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रही है. जहां छठ महापर्व पर यमुना में घुसने पर भी पाबंदी लगाई गई थी, तो अब हजारों की संख्या में श्रद्धालु यमुना में नहाने के लिए आ रहे हैं. यह सरकार का दोहरा चरित्र है, जिस पर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं.
वजीराबाद स्थित यमुना घाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु कार्तिक मास के आखिरी पूर्णिमा के अवसर पर यमुना नदी में डुबकी लगाने के लिए आए हैं. लोगों ने बताया कि शाम को चंद्रग्रहण है और आज गुरु पूर्णिमा भी है. गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima in Delhi) का विशेष महत्व है. लोग दूर-दूर से वज़ीराबाद स्तिथ यमुना नदी में डुबकी लगाने के लिए आते हैं. ग्रहण के अवसर पर हरिद्वार, करुक्षेत्र, प्रयागराज सहित तमाम पवित्र जगहों पर नदियों में स्नान की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है.
वहीं लोगों को इस बात का दुख भी है कि छठ महापर्व पर सरकार ने यमुना में जाने पर पाबंदी लगाई थी. पानी में केमिकल होने की बात कहकर श्रद्धालुओं को यमुना में जाने से रोका जा रहा था. अब लोगों का प्रशासन से सवाल यह है कि क्या एक सप्ताह बाद यमुना नदी की सफाई हो गई है, जो अब श्रद्धालुओं को यमुना में डुबकी लगाने से नहीं रोक रहा है. ये केवल राजनीति है जिसका शिकार दिल्ली की जनता हो रही है.