नई दिल्लीः दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगे के दौरान सरस्वती विहार के एक मामले में आरोपी और पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई टाल दी. स्पेशल जज एमके नागपाल ने मामले की अगली सुनवाई 31 जनवरी को करने का आदेश दिया. मंगलवार को अभियोजन पक्ष की ओर से कोई सरकारी वकील पेश नहीं हुआ, जिस वजह से सुनवाई टली. कोर्ट ने 30 नवंबर को बचाव पक्ष की ओर से साक्ष्य बंद कर दिया था.
इस मामले में 1 नवंबर को सज्जन कुमार ने बयान कराया था. वह अभी जमानत पर है. 19 अप्रैल 2022 को अभियोजन पक्ष के दो गवाहों सरबजीत सिंह बेदी और दिलीप कुमार ओहरी ने अपने बयान दर्ज कराए थे. कोर्ट में 93 वर्षीय गवाह डीके अग्रवाल के बयान की सील बंद प्रति कोर्ट में पेश की गई थी. अग्रवाल का बयान कड़कड़डूमा कोर्ट ने 29 मार्च 2022 को उनकी बीमारी और ज्यादा उम्र को देखते हुए उनके घर पर ही दर्ज कराने का आदेश दिया था.
दो लोगों की हत्या का है मामलाः मामला 1 नवंबर 1984 की है, जिसमें पश्चिमी दिल्ली के राज नगर में सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह की हत्या कर दी गई थी. शाम को करीब चार-साढ़े चार बजे दंगाइयों की भीड़ ने पीड़ितों के राज नगर इलाके स्थित घर पर लोहे के सरियों और लाठियों से हमला कर दिया. शिकायतकर्ताओं के मुताबिक, भीड़ का नेतृत्व सज्जन कुमार कर रहे थे जो उस समय बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद थे.