नई दिल्ली: जीटीवी अस्पताल के सफाई कर्मचारियों ने 5 महीने से वेतन नहीं मिलने पर धरना-प्रदर्शन किया. वेतन नहीं मिलने के चलते अपना घर चलाना मुश्किल हो गया है. कर्ज लेकर उन्हें अपना घर चलाना पड़ रहा है. कर्मचारियों की भूखे मरने की कगार पर है. उनका आरोप है कि दिल्ली सरकार उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है.
जहां एक तरफ दिल्ली सरकार अपने अस्पतालों के सभी कर्मचारियों को कोरोना योद्धा का सम्मान देती है, तो वहीं दूसरी ओर इन कोरोना योद्धाओं के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. ये कहना है धरना प्रदर्शन कर रहे हैं यमुनापार के जीटीबी अस्पताल के सफाई कर्मचारियों की जो अपने वेतन के लिए धरने पर बैठे हैं.
जीटीबी अस्पताल के सफाई कर्मचारियों ने प्रदर्शन. ये भी पढ़ें: GTB हॉस्पिटल कैंपस में कोविड अस्पताल बनाने का विरोध, छात्रों ने की शिफ्ट करने की मांग
कोरोना काल में अच्छी सुविधा देने वाला उत्तर पूर्वी दिल्ली का सबसे बड़ा जीटीवी अस्पताल इन दिनों चर्चा में है. इस अस्पताल में सफाई का जिम्मा सिविलिक हाउसकीपिंग कंपनी के हाथ में है. लेकिन इस कंपनी के सफाई कर्मचारियों को 5 महीने से उनका वेतन नहीं मिल रहा है, जिसके चलते इस कंपनी के तहत काम करने वाले सफाई कर्मचारियों ने वेतन नहीं मिलने के चलते धरना-प्रदर्शन किया और नारेबाजी कर दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया. सिविलिक हाउसकीपिंग कंपनी के सफाई कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें 5 महीने से उनका वेतन नहीं मिला है जिसके चलते यह भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं. इन सफाई कर्मचारियों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन की तरफ से केवल आश्वासन ही मिल रहा है. बच्चे भूखे मरने की कगार पर हैं. कर्ज लेकर घर चलाना पड़ रहा है. ऐसे में अपने हक के लिए मजबूरन सांकेतिक धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हैं.
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वहीं शिवलिक हाउसकीपिंग कंपनी के अधिकारी का कहना है कि दिल्ली सरकार की तरफ से फंड नहीं मिलने के चलते इन लोगों का वेतन नहीं मिल पा रहा है. बहरहाल अब देखने वाली बात ये होगी कि अस्पताल प्रशासन इन कोरोना योद्धाओं का वेतन कब तक देगा या फिर ये कोरोना योद्धा यूं ही धरना प्रदर्शन करते रहेंगे.