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'कोरोना महामारी से निपटने में पूरी तरह फेल साबित हुई केजरीवाल सरकार' - corona virus treatment

दिल्ली में लगतार बढ़ रहे कोरोना के मामलों को लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल लगतार विपक्ष के निशाने पर हैं. इसी कड़ी में एक बार फिर विपक्ष ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा है.

Health care severely affected in Delhi government hospitals
दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा बुरी तरह से प्रभावित

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Published : Jun 18, 2020, 5:35 AM IST

Updated : Jun 18, 2020, 5:59 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना महामारी का प्रकोप राजधानी में लगातार बढ़ता जा रहा है, दिल्ली के हालात बेकाबू होता देख केंद्र सरकार को इसमें दखल देना पड़ा, राजनीतिक दलों का साफ कहना है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार इस महामारी से निबटने में पूरी तरह से फेल साबित हुई है, दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा बुरी तरह से प्रभावित हैं ज की निजी अस्पताल कोरोना का भय दिखाकर आम जनता को लूटने में लगे हुए हैं. केजरीवाल झूठ बोलकर दिल्ली की जनता को गुमराह करना बंद कर दें, यह समय लोगों की जान बचाने का है राजनीति करने का नहीं.

दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा बुरी तरह से प्रभावित

बता दें कि विपक्ष का आरोप है कि दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमराई हुई हैं, हालत यह है कि सरकारी अस्पतालों में दिल्ली वालों को ठीक से उपचार नहीं मिल पा रहा है. वहीं सरकार के दावों से दूर दिल्ली में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. वहीं दिल्ली में कोरोना की चपेट में आकर होने वाली मौत का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है. दिल्ली के बिगड़ते हालात को देखते हुए अब केंद्र ने हस्तक्षेप किया और दिल्ली की कमान खुद देश के गृह मंत्री अमित शाह ने संभाली. गृह मंत्री ने न सिर्फ दिल्ली के उप राज्यपाल, मुख्यमंत्री,चीफ सेक्रेट्री से बैठक करके हालात जाने साथ ही उन्होंने दिल्ली के अस्पताल का भी दौरा करते हुए वहां की स्थिति का आंकलन किया.

दिल्ली के हालात पर नजर बनाए हैं केंद्र

भाजपा किसान मोर्चा (आईटी सेल) के राष्ट्रीय संयोजक वी.के.शर्मा ने कहा कि दिल्ली में वर्तमान की स्थिति बेहद खराब है, वैश्विक महामारी लगातार पैर पसार रही है. मौजूदा हालात बताते हैं कि मुख्यमंत्री ने दिल्ली की जनता से जो वादे किए सब झूठे साबित हुए, अगर सीएम के पिछले महीने के बयान पर नजर डालें तो उन्होंने कहा था कि दिल्ली में अगर कोरोना स्व जुड़े 30 से 35 हजार केस भी सामने आते हैं तो उनके पास पर्याप्त संख्या में अस्पताल, बेड और स्टॉफ मौजूद है, लेकिन सच्चाई यह है कि जमीनी स्तर पर कुछ नहीं है.

उन्होंने कहा कि दिल्ली में हालात बिगड़ने तो केंद्र सरकार ने इसमें दखल दिया और खुद गृह मंत्री ने दिल्ली की कमान संभालते हुए हालात का जायजा लेते हुए दिल्ली को हर संभव मदद का आश्वासन दिया, साथ ही दिल्ली की स्थिति को ध्यान में रखते हुए दिल्ली को अस्थायी आइसोलेशन वाले ट्रेन के पांच सौ कोच देना का वादा किया ,इसके साथ ही दिल्ली के कंटोनमेंट जोन में टेस्ट डबल करने, घर घर जाकर सर्वे कराने की भी सलाह दी, गृह मंत्री के कमान संभालने के बाद से मामलों में कमी आनी भी शुरू हो गई है.

शीला सरकार की देन हैं दिल्ली के अस्पताल

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के डेलीगेट सयैद नासिर जावेद ने कहा कि दिल्ली में मौजूदा अस्पताल कांग्रेस शासनकाल के बनाए हुए हैं दिल्ली सरकार ने नया कोई अस्पताल नहीं बनाया, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर इतने अस्पताल मौजूद नहीं होते तो दिल्ली की स्थिति और बजी ज्यादा भयावह होती.आज दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की हालत बद से बदतर है, दिल्ली के अस्पतालों से जनता का विश्वास उठ चुका है, और उठेगा भी क्यों नहीं. किसी भी बीमारी से ग्रस्त के अस्पताल जाने पर उसका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव ही आ रहा है हद तो यह है कि अस्पताल जाने के बाद उसका इलाज हो या न हो लेकिन ज्यादातर मामलों में पीड़ित की मौत हो रही है.

अस्पताल के हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मोर्चरी में जहां क्षमता से कहीं ज्यादा शव हैं वहीं इलाज कराने वाले मरीजों का कोई देखभाल नही है जिसकी वजह से लोग असमय ही मौत के मुंह मे समाते जा रहे हैं और दिल्ली सरकार मूकदर्शक बनी हुई है.

Last Updated : Jun 18, 2020, 5:59 PM IST

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