नई दिल्ली: बिजली बिल हाफ और पानी बिल माफ के नारे से राजनीति में आई आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एक बड़ा ऐलान किया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में 200 यूनिट प्रतिमाह तक बिजली खपत करने वालों का बिजली बिल शून्य कर दिया है. यह फैसला गुरूवार से ही लागू कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने 200 यूनिट तक बिजली बिल किया मुफ्त
उपभोक्ताओं की संख्या 70 फीसद
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब देश के बड़े नेता, पूर्व सांसदों विधायकों व अन्य गणमान्य लोगों को बिजली मुफ्त मिलती है तो फिर आम आदमी को क्यों नहीं मिल सकती? दिल्ली सरकार ऐसा करने जा रही है.
केजरीवाल ने कहा कि गर्मी के मौसम में 35 फीसद बिजली उपभोक्ता हैं. जो 200 यूनिट प्रतिमाह से कम बिजली खर्च करते हैं. इनका बिजली बिल अब शून्य आएगा. तो वहीं सर्दियों में 200 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या 70 फीसद के करीब हो जाती है. उन्हें भी सरकार के इस ऐलान का लाभ मिलेगा.
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने 200 यूनिट तक बिजली बिल किया मुफ्त नहीं पड़ेगा अतिरिक्त आर्थिक बोझ
वहीं 201 यूनिट होने पर पूरा बिल देना होगा. 201 से 400 यूनिट तक बिल आने पर सरकार जिस तरह अभी 50 फीसद सब्सिडी देती है वह जारी रहेगा. अरविंद केजरीवाल ने कहा सरकार द्वारा बिजली मुफ्त करने के ऐलान से कोई अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं पड़ने वाला है. जो सब्सिडी की रकम 1800-200 करोड़ रुपये सरकार बिजली कंपनियों को पहले भी देती रही है, उतनी ही सब्सिडी देनी पड़ेगी.
'बिजली के क्षेत्र में AAP ने किया काम'
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों ने बिजली कंपनियों को समृद्ध करने के लिए कुछ नहीं किया. जब आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तब एक दिन ऐसा आया था जब बिजली कंपनियों ने बताया कि उनके पास अगले दिन बिजली खरीदने के लिए पैसे नहीं है.
दिल्ली में ब्लैक आउट हो सकता है. तब उन्हें बड़ा दुख पहुंचा. बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और बिना रोक-टोक बिजली देने के लिए दिल्ली सरकार ने पिछले 4 सालों में जो काम किया है उसी से आज यह संभव हो पाया कि कम बिजली खपत करने वालों को सरकार मुफ्त बिजली देने जा रही है.
मुफ्त बिजली देने वाला दिल्ली देश का पहला राज्य
बता दें कि दिल्ली देश का पहला राज्य बन गया है. जहां 200 यूनिट तक प्रतिमाह बिजली खर्च करने पर बिजली उपभोक्ताओं को एक भी पैसा नहीं देना पड़ेगा.
देश के दूसरे शहरों से अगर हम दिल्ली की तुलना करें तो मुंबई में 200 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने वाले को 1400 रुपये प्रति माह बिल देना पड़ता है. वहीं बेंगलुरु में 200 यूनिट तक बिजली खपत करने वालों को 1350 रुपये प्रतिमाह देना पड़ता है.
दिल्ली की सीमा से सटे गुरुग्राम में 200 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने वाले को 910 रुपये प्रतिमाह, नोएडा में 200 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने वाले को 1310 रुपये प्रतिमाह और अमृतसर में 200 यूनिट तक खर्च करने वाले को प्रतिमाह 1318 रुपये तक बिल देना पड़ता है.