नई दिल्ली:कंझावला हिट एंड रन केस में अंजलि के परिजनों की मांग पूरी हो गई है. पुलिस ने आरोपियों पर आईपीसी की धारा 302 को जोड़ा दिया है. पिछले कई दिनों से परिजन इसकी मांग कर रहे थे. हाल में गृह मंत्रालय ने भी आरोपियों पर हत्या का केस चलाने का आदेश दिया था. स्पेशल सीपी लॉ एंड ऑर्डर सागरप्रीत हुड्डा ने बताया कि फारेंसिक, मौखिक और अन्य वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर मामले की जांच की गई. इसके बाद हत्या की धारा में केस दर्ज करने का निर्णय लिया गया. अभी तक गैर इरादतन हत्या, लापरवाही से जान खतरे में डालना और लापरवाही से मौत की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया था.
डीसीपी (आउटर) हरेंद्र सिंह ने बताया कि अभी तक जो सबूत मिले हैं इससे स्पष्ट है कि वाहन में मौजूद लोगों को अंजलि के घिसटने की जानकारी थी. बावजूद इसके आरोपियों ने कार को नहीं रोका. रोककर अंजलि को बचाने की कोशिश करने के बजाय उसे करीब 13 किलोमीटर तक घसीटते रहे. इसमें अंजलि 13 किलोमीटर तक कार के नीचे फंसी रही और उसकी दर्दनाक मौत हो गई. यह कृत्य ही हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज करने का आधार बना. डीसीपी ने बताया कि पीड़ित परिवार को जल्द मुआवजा दिलाने के लिए एमएसीटी (वाहन दुर्घटना दावा अधिकरण) मिले इसके लिए पुलिस की तरफ से सभी सहायताएं की जा आ रही हैं.
इस मामले में परिवार शुरुआती दौर से 302 की धारा को ऐड करने की मांग कर रहा था. आखिरकार परिवार की मांग पूरी हुई और पुलिस ने 302 की धारा को FIR में जोड़ दिया. इस पर अंजलि की मां का कहना है कि अभी कुछ अन्य मांगें हैं, जो वो सरकार से कर रही हैं. कोई ध्यान नहीं दिया गया है, क्योंकि अंजलि के जाने के बाद अब उनका व उनके बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ पालन पोषण तक की समस्याएं सामने आ गई है.