नई दिल्ली: दिल्ली में पक्ष विपक्ष पर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने केजरीवाल सरकार पर दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को लेकर एक बार फिर निशाना साधा है. बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल सरकार की कमजोर वर्ग के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिला देने की नीति पूरी तरह से फेल हो गई है. आर्थिक रूप से कमजोर यानी ईडब्ल्यूएस और वंचित वर्ग या डीजी वर्ग के लिए इस साल स्कूलों में 7 हजार से अधिक सीटें खाली पड़ी हैं, जबकि शैक्षिक सत्र आरंभ हुए छह महीने बीत चुके हैं.
पहले से कम की गई सीटें: बिधूड़ी ने कहा कि शिक्षा विभाग यही तय नहीं कर पा रहा कि किस आधार पर दाखिला दिया जाए जबकि शिक्षा मंत्री को राजनीति से ही फुरसत नहीं है, इसलिए वह शिक्षा की तरफ ध्यान ही नहीं दे पा रही हैं. उन्होंने कहा कि इस साल आर्थिक रूप से कमजोर और स्पेशल केटेगिरी के बच्चों की सीटें पहले से कम कर दी गई हैं. उसके बावजूद सीटें खाली पड़ी हैं. 2020-21 में दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में इस वर्ग के लिए कुल 52,400 सीटें रिजर्व की गई थीं लेकिन 2023-24 के सत्र में इन सीटों की संख्या को घटाकर 35,186 कर दिया गया. सितंबर के अंत तक के शिक्षा विभाग के अपने आंकड़ों के अनुसार कुल मिलाकर 28 हजार बच्चों को ही प्रवेश दिया जा सका है.
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