नई दिल्ली: दिल्ली के मुखर्जी नगर में बिना पंजीकरण के अवैध तरीक से अनेक कोचिंग सेंटर चल रहे हैं. गुरुवार को एक कोचिंग सेंटर में भीषण आगजनी की घटना इसी का नतीजा रही. आग लगने के बाद छात्रों को खिड़की से कूदकर अपनी जान बचानी पड़ी. वहां सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं गया था.कोचिंग सेंटरों के इस मनमानी के पीछे पूर्व में शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश का पालन नहीं किया जाना है. दरअसल, कुछ साल पहले दिल्ली शिक्षा विभाग के तत्कालीन डिप्टी डायरेक्टर योगेश पाल सिंह ने इन कोचिंग सेंटरों के नियमन के लिए एक आदेश जारी किया था, लेकिन कोचिंग सेंटरों ने इसके खिलाफ कोर्ट का रुख किया, जिसकी वजह से इसे लागू नहीं किया जा सका.
वर्तमान में खेल विभाग में डिप्टी डायरेक्टर योगेश पाल सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग का यह आदेश अगर जारी हो जाता है तो अवैध रूप से चल रहे इन कोचिंग सेंटर्स की मनमानी बंद हो जाएगी. साथ ही छात्रों के साथ होने वाली ठगी, शिक्षकों का शोषण पर भी लगाम लग सकेगा. इस ऑर्डर से छात्रों से मनमानी तरीके से फीस की वसूली बंद हो जाएगी. कोचिंग संस्थान अपने यहां पढ़ाने वाले गेस्ट टीचरों को बिना कारण निकाल नहीं सकेंगे. साथ ही छात्रों की सुरक्षा के साथ कोई खिलवाड़ नहीं होगा.
उन्होंने बताया कि प्राइवेट स्कूलों की तरह कोचिंग संस्थानों का भी नियमन किया जाना चाहिए. मालूम हो कि दिल्ली के मुखर्जी नगर में लाखों की तादाद में छात्र यूपीएससी, एसएससी, यूपीपीसीएस सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते हैं. लेकिन कई कोचिंग सेंटर्स छात्रों की जिंदगी दांव पर लगाकर संस्थान को संचालित कर रहे हैं. गुरुवार को मुखर्जी नगर इलाके के एक कोचिंग सेंटर में आग ने इस अंदेशे को बढ़ा दिया है. सोशल मीडिया पर गुरुवार को मुखर्जी नगर की घटना से जुड़ा वीडियो वायरल होने लगा. एक मिनट के वीडियो में छात्र खुद को आग से बचाने के लिए रस्सी की सहारे नीचे उतरते दिखे. गनीमत है कि किसी छात्र को कोई नुकसान नहीं पहुंचा. लेकिन इस घटना ने दिल्ली में चल रहे कोचिंग सेंटर पर सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या छात्रों के लिए प्राइवेट कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा से जुड़े सभी नियमों का पालन किया जा रहा है ?
ईटीवी भारत से क्या बोले डिप्टी डायरेक्टर
दिल्ली शिक्षा विभाग की तरफ से डेढ़ साल पहले एक ऑर्डर जारी किया गया था. योगेश पाल सिंह उन दिनों प्राइवेट ब्रांच के डिप्टी डायरेक्टर थे. उन्होंने बताया कि जारी आदेश में निजी कोचिंग सेंटरों से कहा गया था कि वे शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराएं. पोर्टल पर कोचिंग संस्थानों को यह बताना था कि उनके यहां संचालित होने वाले सेंटर कितनी भूमि पर चल रहे हैं? आग से बचाव के लिए क्या बंदोबस्त हैं ? एक क्लासरूम में कितने बच्चे बैठते हैं ? योगेश बताते हैं कि इस ऑर्डर के खिलाफ कोचिंग सेंटर्स हाईकोर्ट गए. यह मामला अभी कोर्ट में है.