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डीयू: छात्राओं की सुरक्षा के लिए किया गया विशेष समिति का गठन

6 फरवरी को गार्गी कॉलेज में छात्राओं के साथ हुई घटना भविष्य में दोहराई ना जाए इसे लेकर डीयू के डिप्टी रजिस्ट्रार की ओर से विशेष आदेश दिए गए हैं. जिसके तहत महिला कर्मचारी और छात्राओं की सुरक्षा और बचाव के लिए तीन सदस्यीय उच्च स्तर कमेटी का गठन किया गया है.

DU Special member Committee
डीयू आर्ट फैकल्टी

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Published : Feb 13, 2020, 7:42 AM IST

नई दिल्ली:डीयू के अंतर्गत आने वाले गार्गी कॉलेज में 6 फरवरी को छात्राओं के साथ हुई घटना को संज्ञान में लेते हुए डीयू ने महिला सुरक्षा के लिए एक समिति का गठन किया है. डीयू की प्रॉक्टर नीता सहगल को इस समिति का चेयरपर्सन बनाया गया है. बता दें कि ये तीन सदस्यीय उच्च स्तर की कमिटी महिला कर्मचारियों और छात्राओं की सुरक्षा-बचाव के लिए कार्य करेगी.

छात्राओं की सुरक्षा के लिए विशेष समिति का गठन

डीयू रजिस्ट्रार ने घटना को बताया दुखद

6 फरवरी को गार्गी कॉलेज में हो रहे वार्षिकोत्सव के दौरान छात्राओं के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया था. जिसके बाद डीयू रजिस्ट्रार प्रोफेसर तरुण दास ने इस घटना को दुखद बताया और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की थी. इसके बाद विश्वविद्यालय ने कॉलेज की छात्राओं का समर्थन करते हुए दिल्ली पुलिस के उच्च अधिकारियों के साथ दो बार बैठक भी की थी.

महिला सुरक्षा के लिए 3 सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति

वहीं 6 फरवरी को छात्राओं के साथ हुई ये घटना भविष्य में दोहराई ना जाए इसको लेकर डीयू के डिप्टी रजिस्ट्रार की ओर से विशेष आदेश दिए गए थे. जिसके तहत महिला कर्मचारी और छात्राओं की सुरक्षा और बचाव के लिए तीन सदस्यीय उच्च स्तर कमेटी का गठन किया गया है.

इस समिति में डीयू की प्रॉक्टर अनीता सहगल को चेयर पर्सन बनाया गया है. वहीं खालसा कॉलेज की डॉक्टर गुरमीत कौर को संयोजक और कला संकाय विभाग की डॉ. वागेश्वरी देशवाल को सदस्य बनाया गया है.

क्या था पूरा मामला

बता दें कि 6 फरवरी दिल्ली के गार्गी कॉलेज में कुछ शरारती तत्वों ने जबरन कॉलेज में घुसकर छात्राओं के साथ बदतमीजी की थी. वहीं छात्राओं ने आरोप लगाया था कि कुछ लोगों ने छात्राओं को वॉशरूम में बंद कर उनके साथ अश्लील हरकतें करने की कोशिश की थी.

प्रिंसिपल के इस्तीफे की मांग को लेकर अड़ी छात्राएं

वहीं इस मामले को लेकर गार्गी कॉलेज में छात्राओं का प्रदर्शन लगातार जारी है. छात्राओं का कहना है कि इस तरह की घटना कॉलेज प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाती है और प्रशासन ने अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है. वहीं छात्राओं की मांग है कि कॉलेज के प्रिंसिपल इस्तीफा दें और सारी घटना की जिम्मेदारी ले नहीं, तो उनका संघर्ष जारी रहेगा.

बता दें कि इससे पहले भी डीयू प्रशासन ने 10 दिसंबर को सभी कॉलेजों को पत्र लिखकर महिला सुरक्षा के लिए किए गए इंतजामों की जानकारी मांगी थी. साथ ही निर्देश दिया था कि सभी कॉलेज महिला कर्मचारी और छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी एहतियात बरतें और एक्शन टेकन रिपोर्ट भेजें.

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