दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

कारगिल युद्ध के जांबाज हीरो अपनी जीवन की लड़ाई में सरकार से हारे, जानें पूरा मामला

Kargil War: भारत और पाकिस्तान के बीच 24 साल पहले कारगिल युद्ध हुआ था, जिसमें भारतीय सैनिकों ने अपने अदम्य साहस और पराकर्म को दिखाया था. उन्ही में से एक शूरवीर जवान लांस नायक सतबीर सिंह आज अपनी जीवन यापन की लड़ाई के लिए सरकार से जद्दोजहद करते नजर आ रहे हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 28, 2023, 5:30 PM IST

कारगिल युद्ध में देश को जीत दिलवाने वाले जांबाज हीरो,

नई दिल्ली:भारत-पाकिस्तान के बीच हुई करगिल की लड़ाई 24 साल बाद भी लोगों को याद है. भारतीय शूरवीरों ने किस तरह से दुश्मनों को हर मोर्चे पर हराया था. उन्हीं शूरवीरों में से एक लांस नायक सतबीर सिंह का कहना है कि सरकार उन शूरवीरों और शहीदों को भूल गई है. कारगिल युद्ध में जीत के बाद घायल और शहीद सैनिकों के परिवार को जीवन यापन के लिए खेती की जमीन और पेट्रोल पंप जैसी बुनियादी सुविधाएं देने का वादा तत्कालीन सरकार ने किया था. 24 साल बाद भी कई सैनिक आज भी अपने जीवनयापन की लड़ाई के लिए सरकार से जद्दोजहद कर रहे हैं.

दिल्ली के मुखमेलपुर गांव में रहने वाले लांस नायक सतबीर सिंह ने कहा कि कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की परवाह नहीं की और दुश्मन सेना को हराया. इस युद्ध में भारतीय सेना ने 527 सैनिकों को खोया और 1367 सैनिक घायल हुए. कारगिल युद्ध में पूरी दुनिया ने भारतीय सैनिकों के अदम्य साहस और पराकर्म को देखा. उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध में शहीद व घायल हुए सैनिकों को तत्कालीन सरकार ने उनके परिवार को जीवन यापन के लिए पेट्रोल पंप और एक एकड़ जमीन देने की बात कही थी. लेकिन सालों बाद भी कई सैनिकों को अभी तक ना तो वह जमीन मिली है और ना ही पेट्रोल पंप अलॉट हुआ है.

लांस नायक सतबीर सिंह ने बताया कि उनके पैर में 8 गोली लगी थी. कई महीनों तक उन्हें ये भी नहीं पता था कि वे कहां पर है. करीब 8 महीने तक अस्पताल में इलाज के दौरान उनसे कई बड़े नेता व अधिकारी अस्पताल में मिलने के लिए पहुंचे. इस दौरान नेताओं ने जीवन यापन के लिए बुनियादी सुविधाएं देने का वादा भी किया. सतबीर सिंह ने बताया कि उन्हें शुरुआत में एक एकड़ जमीन दी गई थी, जो बाद में वापस ले ली गई. जमीन के कागज उनके पास है, लेकिन जमीन नहीं है, साथ ही सरकार की ओर से उनके बेटे को सरकारी नौकरी देने की बात भी की गई थी, वह भी अभी तक नहीं मिली है.

कई सालों तक पत्राचार करने के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अमृत महोत्सव कार्यक्रम के दौरान कारगिल युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाले शूरवीरों को बुलाया और उनसे मुलाकात कर उनके परेशानियों को जाना. अब सैनिकों को भी उम्मीद है कि सालों से लगातार हो रही कमियों को अब उपराज्यपाल ही पूरा करेंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details