नई दिल्ली:विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने केजरीवाल सरकार पर दिल्ली के बिजली क्षेत्र में व्यापक अनियमितताओं और व्यवस्थित लूट का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में बिजली कंपनियों के संबंध में आम आदमी पार्टी द्वारा किए गए एक भी वादे को पूरा नहीं किया है. उन्होंने बिजली क्षेत्र के संबंध में 10 मुद्दे उठा कर केजरीवाल सरकार से जवाब मांगा है.
मतदान से पहले भाजपा ने केजरीवाल सरकार की बिजली व्यवस्था पर उठाए सवाल
नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने लोकसभा चुनाव से ठीक एक दिन पहले केजरीवाल सरकार से दिल्ली में बिजली क्षेत्र में किए गए सुधार कार्य के संबंध में 10 सवाल पूछे.
भाजपा ने केजरीवाल सरकार की बिजली व्यवस्था पर उठाए सवाल
भाजपा विधायक व नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होने से ठीक एक दिन पहले केजरीवाल सरकार से दिल्ली में बिजली क्षेत्र में किए गए सुधार कार्य के संबंध में 10 सवाल पूछे हैं और इसका जवाब मांगा है.
- दिल्ली सरकार ने बिजली के बिलों में निर्धारित शुल्क में 6 गुना बढ़ोतरी की है. केवल एक साल के अंतराल में वर्ष 2018 में ही प्रति कनेक्शन चार्ज 20 रुपये से बढ़ाकर 125 रुपये किया गया. जिसने निम्न और मध्यम वर्ग के ग्राहकों को बुरी तरह से प्रभावित किया है, जो अक्सर बिजली की न्यूनतम मात्रा का उपयोग करते हैं. ये बढ़ोतरी क्यों की गई?
- सुप्रीम कोर्ट से पावर परचेज एडजेस्टमेंट चार्जेस की ग्राहकों से वसूली को असंवैधानिक ठहराया जा चुका है. इन आदेशों के अनुसार ग्राहकों से वसूला गया पैसा वापस क्यों नहीं किया गया? कोर्ट के इस आदेश की अवहेलना करते हुए ग्राहकों से बिजली के बिलों के माध्यम से अभी भी पावर परचेज एडजेस्टमेंट चार्ज वसूले जा रहे हैं.
- वर्ष 2002 में दिल्ली सरकार और डिस्कॉम ने मिलकर कर्मचारियों को पेंशन भुगतान के उद्देश्य से पेंशन ट्रस्ट फंड की स्थापना की थी. इसे वर्तमान केजरीवाल सरकार ने बंद क्यों कर दिया? ग्राहकों से पेंशन फंड के रूप में बिजली बिल का 3.8 प्रतिशत डिस्कॉम को लाभ पहुंचाने के लिए ग्राहकों से एकत्रित कर उन्हें दंडित किया जा रहा है.
- मध्य प्रदेश के रीवा सोलर पावर प्लांट जो कि स्वच्छ और रिनुअल सौर ऊर्जा पर चल रहा है. पहले से ही दिल्ली मेट्रो को 3.30 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली की आपूर्ति कर रहा है. दिल्ली डिस्कॉम के पास भी यह सस्ती बिजली खरीदने का विकल्प है, लेकिन अन्य स्रोतों से दिल्ली सरकार क्यों महंगी दर पर बिजली खरीद रही है?
- वर्तमान केजरीवाल सरकार अपने घोषणा पत्र के अनुसार वायदों को पूरा करने में विफल रही है. जिसमें बिजली बिलों का सरलीकरण शामिल था.
- उपरोक्त सभी वादों में विफल होने पर विशेष रूप से व्यवसायी वर्ग के लिए बिजली के बिल की लागत यूनिट 13.50 रुपये तक बढ़ गई है.
- दिल्ली के नागरिकों को सस्ती और निर्बाध बिजली की आपूर्ति के साथ-साथ दिल्ली के ग्राहकों से बिजली का बिल वसूलने के लिए अनैतिक प्रैक्टिसेज की जांच करने के लिए इस पहलू पर क्यों नहीं ध्यान दिया गया?
- फैक्ट्री चलाने वालों के लिए प्रति किलो वाट फिक्स चार्ज 125 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये प्रति किलोवाट कर केजरीवाल सरकार ने कारोबारियों की कमर क्यों तोड़ दी है?
- केजरीवाल सरकार ने घोषणा की थी कि यदि बिजली वितरण कंपनियां समय से अधिक बिजली कटौती करती हैं तो उन्हें बिजली उपभोक्ताओं को क्षतिपूर्ति देनी होगी. अब तक 1 रुपया भी क्षतिपूर्ति के नाम पर ग्राहकों को क्यों नहीं दिया गया, क्यों?
- दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियां जहां अभी तक विद्युतीकरण नहीं हुआ है प्रति कनेक्शन 3600 रुपये प्रति किलो वाट से 10,040 रुपये प्रति किलो वाट बढ़ाकर केजरीवाल सरकार ने गरीब से गरीब लोगों को लूटने का काम क्यों किया है?
भाजपा विधायक ने दिल्ली के मतदाताओं से कहा है कि केजरीवाल सरकार को बिजली क्षेत्र में बढ़ती जा रही अनियमितताओं के लिए कभी माफ ना करें और वोट देने से पहले इन पहलुओं पर गंभीरता से विचार करें.
Last Updated : May 10, 2019, 10:52 PM IST