नई दिल्ली/नोएडा: एसटीएफ ने फर्जी कागजात के ज़रिए क्रेडिट कार्ड बनाकर पैसा निकालने वाले गिरोह पर्दाफाश किया है.जिसमें सरगना सहित तीन लोग गिरफ्तार किए गए हैं. सभी आरोपी दिल्ली के रहने वाले हैं जो विभिन्न संस्थाओं में काम करते हैं. पुलिस ने इनके पास से काफी संख्या में सामान बरामद किया है.
3 साल में 10 करोड़ की धोखाधड़ी फर्ज़ी आधार कार्ड पर क्रेडिट कार्ड
एसटीएफ ने जांच करते हुए पाया की इन लोगों ने एक व्यक्ति के फर्जी आधार का इस्तेमाल कर क्रेडिट कार्ड जारी कर 5 लाख निकाल लिए थे. गैंग का सरगना भूपेंद्र कई मोबाइल कंपनियों और बैंकों के वेंडर के साथ काम कर चुका है. भूपेंद्र का मुख्य काम कस्टमर से कागजात लाना होता था. वहीं दूसरा आरोपी दिल्ली के मंगोलपुरी निवासी तीरथ है जो टीवीएस शोरूम में सेल्स मैनेजर के पद पर काम करता था. भूपेंद्र को केवाईसी से संबंधित कागजात उपलब्ध कराता था.
कस्टमर वेरीफिकेशन
तीसरा आरोपी रोहिणी निवासी चंद्रप्रकाश वेंडर कंपनी में काम करता है. यह कंपनी बैंकों के लिए जॉब वर्क करती है.चंद्र प्रकाश विभिन्न बैंकों के लिए मौके पर जाकर क्रेडिट कार्ड लेने वाले कस्टमर और उसके कागजात को घर जाकर वेरीफिकेशन करता था.
3 साल में 10 करोड़ की धोखाधड़ी
एसटीएफ के सीईओ राज कुमार मिश्रा ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि, इस गैंग ने पिछले 3 साल में विभिन्न बैंकों से 1000 से ज्यादा फर्जी कागजों के आधार पर क्रेडिट कार्ड जारी कराया है. बैंकों से लगभग 10 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी कर चुके हैं. सीओ राजकुमार मिश्रा ने बताया कि इनके पास से विभिन्न बैंकों के 36 क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड मिले हैं.
कई दस्तावेज़ बरामद
8 आधार कार्ड, 7 पासपोर्ट, 8 मोबाइल, विभिन्न बैंकों के 41 खाली और भरे हुए क्रेडिट कार्ड के फॉर्म, सिटी बैंक के 8 क्रेडिट कार्ड, विभिन्न बैंकों द्वारा जारी किए गए 16 क्रेडिट कार्ड की फोटो कॉपी, फिलिप्स इंडिया लिमिटेड की 3 फर्जी पे स्लिप, एक लैपटॉप, प्रिंटर, लैपटॉप में हजारों की संख्या में केवाईसी की सॉफ्ट कॉपी और विभिन्न व्यक्तियों से संबंधित कागजात बरामद हुए.