नई दिल्ली:राजधानी में 25 फरवरी को शुरू हुए पुस्तक मेले में पुस्तक प्रेमी बढ़ चढ़कर पहुंच रहे हैं. इस दौरान वह अपने पसंदीदा लेखकों से भी रूबरू हो रहे हैं. हालांकि वीकेंड को छोड़ दें. फिलहाल पुस्तक मेले में लोगों की कम संख्या देखने को मिल रही है. अब यह मेला अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है जो 5 मार्च को खत्म हो जाएगा. प्रगति मैदान में आयोजित मेले में लोग सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक एंट्री ले सकते हैं.
ऊपर के सेक्शनवाले नाखुश: पुस्तक मेले में अनंग प्रकाशन के सत्य भान सिंह ने बताया कि, पुस्तक प्रेमी तो अपनी पुस्तक को ढूंढते हुए यहां तक तो आ जाते हैं, लेकिन कुछ लोगों को यह पता ही नहीं है कि ऊपर के सेक्शन में भी प्रकाशक अपनी पुस्तकों को सजाकर बैठे हैं. उन्होंने कहा कि नीचे से ऊपर जो एस्केलेटर आ रहा है, उसके ठीक सामने हॉल बंद है. इस वजह से पुस्तक प्रेमी यहां नहीं आ पा रहे हैं.
प्रकाशकों ने दी प्रतिक्रिया: बोधगया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और लेखक सुरेश चंद ने कहा कि युवा लेखकों के लिए विश्व पुस्तक मेला एक ऐसा मंच है, जहां उनकी लिखी हुई किताबों से काफी संख्या में लोग रूबरू हो रहे हैं. इस मेले में मौजूद साहित्य का विशाल संग्रह, बातचीत को गति देता है जो हमें अधिक स्मार्ट, सहिष्णु, सहानुभूतिपूर्ण और ज्ञानवान बनाता है. उनके अलावा यश पब्लिकेशन के जतिन भारद्वाज कहते हैं कि, इस बार मेले में हम कई पुस्तकें लेकर आए हैं. यूक्रेन पर हमारी एक किताब आई है जो काफी चर्चा में है. यह किताब एक वरिष्ठ पत्रकार द्वारा लिखी गई है. इसके अलावा पुस्तक प्रेमियों के लिए अन्य किताबें भी यहां मौजूद हैं.