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Women’s Day Special: सोशल मीडिया पर धूम मचा रही दादी-पोती की जोड़ी, 78 साल की उम्र में दादी बनी एंटरप्रेन्योर - Grandmother turned entrepreneur at age of 78

Women’s Day Special 1st March to 8th March: विश्व महिला दिवस पर ईटीवी भारत दिल्ली लाया है, आपके लिए खास पेशकश 'अस्तित्व'. अस्तित्व में आज हम आपको मिलवाएंगे दादी-पोती इस उस जोड़ी से जिसने सोशल मीडाया पर धूम मचा रही हैं...

Womens Day special
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Published : Mar 5, 2022, 10:26 AM IST

नई दिल्ली:देश की राजधानी दिल्ली में इन दिनों दादी-पोती की जोड़ी काफी ज्यादा सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि दादी पोती ने मिलकर नए बिजनेस की शुरुआत की है और 78 साल की उम्र में शीला बजाज (दादी) ने इंट्रप्रेनेउर बनके सबके सामने एक मिसाल पेश की है कि उम्र महज एक नंबर है. उसे अपने आगे बाधा न बनने दें काम करते रहें और आगे बढ़ते रहें. युक्ति बजाज अपनी दादी के साथ मिलकर न सिर्फ काम को आगे बढ़ा रही हैं बल्कि दोनों दादी-पोती की बॉन्डिंग देखते ही बनती है.

26 साल की युक्ति बजाज और उनकी 78 साल की दादी शीला बजाज का प्यार भरा रिश्ता अपनी मजबूती की डोर से बंधा होने के साथ एक नई मिसाल पेश कर रहा है. इन दिनों सोशल मीडिया पर दादी पोती की जोड़ी न सिर्फ खूब वाहवाही लूट रही है बल्कि काफी पॉपुलर होने के साथ धूम भी मचा रही है.

मिलिए दादी पोती की जोड़ी से

26 साल की युक्ति बजाज पेशे से लैंग्वेज एक्सपर्ट हैं और निजी कंपनी के साथ काम कर रही हैं. युक्ति ने बातचीत के दौरान बताया कि उनका अपनी दादी शीला बजाज के साथ प्यार का रिश्ता मजबूत डोर से बंधा हुआ है. बचपन में जब युक्ति अकेली थी तब दादी ने उन्हें संभाला था. लेकिन आज दादी को अकेलेपन से बचाने के लिए युक्ति ने उन्हें उनके पुराने शोक की तरफ वापस लेकर गयी है. युक्ति की दादी शीला बजाज जिनकी उम्र अब 78 साल की हो चुकी है. वह क्रोशिए से बुकमार्क का प्रयोग करते हुए विभिन्न प्रकार की चीजें वर्तमान में बना रही है. जिसमें बच्चों के लिए कपड़े, स्वेटर, मग वार्मर, पोटली, पर्स, खिलौने जैसे तरह-तरह के प्रोडक्ट तैयार कर रही हैं. जिसके बाद युक्ति इन सभी चीजों की वीडियोस और तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर करके आम लोगों तक पहुंचाती हैं. जहां लोगों के द्वारा इन चीजों को न सिर्फ पसंद किया जा रहा है बल्कि बड़ी संख्या में ऑनलाइन के माध्यम से ऑर्डर भी दिए जा रहे हैं. युक्ति ने आगे बातचीत के दौरान बताया कि उनके लिए दादी हमेशा से सुरक्षा का एक एहसास रही है. युक्ति ने बहुत कम उम्र में अपने माता-पिता को खो दिया था ऐसे में उनकी दादी ही उनकी सबसे बड़ी सहारा हैं.

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26 साल की युक्ति का जीवन कभी भी उनके लिए आसान नहीं रहा. कुछ साल पहले उन्होंने अपनी मां को भी खो दिया. जिसके बाद से युक्ति और उनकी दादी दोनों साथ रहते हैं और दोनों के बीच में आपसी जो रिश्ता है वह और ज्यादा मजबूत हो गया है. युक्ति एक निजी कंपनी में भाषा विशेषज्ञ के तौर पर जुड़ी हुई हैं और उन्हें पहले काम के सिलसिले में अक्सर दिल्ली के बाहर जाना पड़ता था. लेकिन कोरोना के आने के बाद से युक्ति वर्क फ्रॉम होम कर कर रही हैं.

वर्क फ्रॉम होम के दौरान युक्ति ने जाना कि उनकी दादी घर पर रहते-रहते किस तरह से बोर हो जाती हैं और उनके पास करने के लिए कुछ नहीं होता. जिसके बाद उनके मन में विचार आया की दादी को उनके बचपन की शौक की तरफ वापस लेकर जाया जाए और उन्होंने एक कोशिश की जो कामयाब भी रही. आज 78 साल की शीला बजाज एक सफल एंटरप्रेन्योर बनने की तरफ लगातार आगे बढ़ रही हैं, इसमें उन्हें उनकी पोती का भी पूरा साथ मिल रहा है.

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अपनी 78 वर्षीय दादी शीला बजाज के लिए युक्ति ने बकायदा सोशल मीडिया के इंस्टाग्राम पर एक हैंडल भी बनाया है जिस पर वह उनकी वीडियो न सिर्फ पोस्ट किये हैं बल्कि दादी के द्वारा बनाए गए चीजों की वीडियोज और फोटोज भी डालती हैं. जहां से उन्हें ऑर्डर मिलते हैं साथ ही युक्ति ने अब अपनी दादी के साथ अब कुछ मोहल्लों की दादी और नानी को भी जोड़ा है. जिनकी संख्या कुल 6 है और सब लोग मिलकर एक साथ काम करते हैं और एक दूसरे का हौसला बढ़ाते हैं. साथ ही काम के समय गप शप भी मारते हैं. युक्ति ने आगे बातचीत के दौरान बताया कि एक तरह से घर से काम करना है दोनों के लिए वरदान साबित हुआ है. बहुत लंबे समय के बाद कुछ करने के लिए मैं उनका हौसला बना रही थी और मैंने उनके लिए इंस्टाग्राम पर ही पेज बनाया जहां पर न सिर्फ लोगों के अच्छे कमेंट मिले बल्कि अब हमें ऑर्डर भी धीरे-धीरे बड़ी संख्या में मिलने लगे हैं. नवंबर 2020 में युक्ति के द्वारा कोर्ट क्राफ्ट हंड्रेड पेज शुरू किया गया था जिसे लोगों की तरफ से अच्छा रिस्पांस भी मिल रहा है.

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78 वर्षीय शीला बजाज ने अन्य महिलाओं के साथ मिलकर इस काम को अच्छे से कर रही है और लोगों के द्वारा बड़ी संख्या में इसे पसंद भी किया जा रहा है. वर्तमान में शीला बजाज लगभग 10 से लेकर 11 अलग-अलग संख्या की वस्तुएं बना रही है. जिसमें नवजात शिशु से लेकर 3 साल के बच्चे तक की ड्रेस बनाने के साथ युवाओं के लिए कानों की बालियां हेयर बैंड्स आदि प्रोडक्ट भी बनाए जा रहे हैं. जिसमें सबसे ज्यादा लोकप्रिय पोटली हो रही है उसके हर दिन 3 से चार ऑर्डर आ रहे हैं. शीला बजाज ने बातचीत के दौरान बताया कि बड़ी चीजों को बनाने में लगभग 4 से 6 दिन का समय लग जाता है. जबकि छोटी-मोटी चीजों को बनाने में उन्हें 1 से 2 दिन का समय लगता है. एक बुकमार्क की कीमत ₹100 है. वहीं स्काफ आपको ₹850 और पोटली ₹600 में मिल जाएगी. 78 साल की शीला बजाज और 26 साल की उनकी पोती युक्ति बजाज को देखकर लगता है कि देश सच में आगे बढ़ रहा है और उम्र महज एक नंबर है जिसे ध्यान में ना रख कर लोगों को हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए और मेहनत करती रहनी चाहिए.

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