नई दिल्ली:आजकल घरों में कुत्ते या बिल्ली पालने का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है. हालांकि इन्हें पालना ही काफी नहीं, बल्कि समय-समय पर एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाना भी जरूरी है. डॉक्टरों के अनुसार यदि ऐसे जानवरों के काटने के 24 घंटे के भीतर एंटी रेबीज इंजेक्शन न लगवाया जाए, तो यह जानलेवा साबित हो सकता है. दिल्ली-एनसीआर के सभी अस्पतालों में एंटी रेबीज इंजेक्शन मुफ्त में लगाए जाते हैं.
इस तरह होती है रेबीज की पहचान: कुत्ते, बिल्ली, बंदर, नेवला, लोमड़ी, सियार व अन्य जानवरों के काटने से रेबीज होता है. डॉ. अनिल तोमर ने बताया कि रेबीज होने पर व्यक्ति को हाइड्रोफोबिया हो जाता है. इसका मतलब है कि व्यक्ति को पानी से डर लगने लगता है और वह पानी से दूर भागता है. इतना ही नहीं, वह दूसरे व्यक्ति को काट भी सकता है. ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आने पर व्यक्ति को भी इंजेक्शन लगवाना पड़ता है. इसलिए सलाह दी जाती है कि रेबीज से पीड़ित व्यक्ति को कमरे में बंद कर के रखें.
24 घंटे के भीतर लगवाएं इंजेक्शन: डॉक्टरों के अनुसार, कुत्ते, बिल्ली एवं बंदर आदि जानवर के काटने पर 24 घंटे के भीतर ही टिटनेस और एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाना चाहिए. एंटी रेबीज के कुल पांच इंजेक्शन लगवाने होते हैं.
तुरंत करें ये उपाय: अगर ऐसे जानवार आपको काट लें, तो सबसे पहले आप घाव को नल के नीचे रखकर साफ पानी और साबुन से 10 से 15 मिनट तक धोएं. इससे रेबीज के वायरस आमतौर पर घाव से बह जाते हैं और रेबीज का खतरा कम हो जाता है. साथ ही घाव को ढकने के लिए किसी भी कपड़े या लेप आदि का इस्तेमाल न करें और तुरंत नजदीकी अस्पताल में दिखाएं.
गाजियाबाद में रोज सामने आ रहे मामले:गाजियाबाद में रोज डॉग बाइट के डेढ़ सौ से अधिक मामले सामने आ रहे हैं. अगस्त महीने में यहां करीब 5,400 लोगों ने एंटी रेबीज का टीका लगवाया. वहीं, हाल ही में गाजियाबाद में रेबीज से बच्चे की मौत के बाद लोगों में डर बढ़ गया है.